भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा ‘स्वच्छता सारथी फैलोशिप 2022’ की घोषणा की गई है|
यह घोषणा कार्यालय के ‘वेस्ट टू वेल्थ'(waste to wealth) मिशन के तहत की गई है|
वेस्ट टू वेल्थ मिशन प्रधानमंत्री की वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद ( PM-STIAC) के 9 राष्ट्रीय मिशनों में से एक है|
इसका उद्देश्य स्वच्छ सारथी के रूप में अवशिष्ट प्रबंधन के सामुदायिक कार्य में लगे हुए युवा नवोन्मेष को को सशक्त बनाना है|
फैलोशिप के तहत अधिकतम 500 फैलो को मान्यता दी जाएगी|
फैलोशिप इच्छुक छात्रों और नागरिकों को शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में कचरे को कम करने के अपने प्रयासों में लगातार जुड़े रहने के लिए सशक्त बनाएगी|
फैलोशिप की शुरुआत 2021 में की गई थी|
PM-STIAC एक व्यापक परिषद है जो प्रधानमंत्री को सलाह देने के लिए प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय की सुविधा प्रदान करती हैं|
प्रोफ़ेसर कृष्णास्वामी विजयराघवन ने 3 अप्रैल 2018 को भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में डॉ.चिदंबरम का स्थान लिया|