Statue of equality (रामानुजाचार्य)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 फरवरी को हैदराबाद के बाहरी इलाके में संत रामानुजाचार्य की विशाल प्रतिमा का उद्घाटन किया गया|

इस प्रतिमा को स्टैचू ऑफ क्वालिटी नाम दिया गया है|

रामानुजाचार्य का परिचय

🔸रामानुजाचार्य को एक वैदिक  दार्शनिक,  संत और समाज सुधारक के रूप में जाना जाता है उनका जन्म 1017 ई. में तमिलनाडु के श्रीपेरूम्बुदुर (Sriperumbudur) में  हुआ था|

डी.एन.वी प्रसाद इस मूर्ति के प्रमुख मूर्तिकार हैं|

🔸रामानुजाचार्य ने समानता और सामाजिक न्याय की वकालत करते हुए पूरे भारत की यात्रा की थी|

रामानुजाचार्य ने वैदिक शास्त्रों पर कई भाष्य की रचना की और नौ ग्रंथ लिखे, जिन्हें नवरत्न कहा जाता है |

🔸120 वर्ष की आयु में 1137 ई. में तमिलनाडु के श्रीरंगम में इनका देहांत हो गया |

रामानुजाचार्य द्वारा लिखित  नवरत्न

🔸वेदार्थ संग्रह, श्री भाष्य, वेदांत सार , वेदांत दीप, गीता भाष्य, गद्य त्रियम, श्रीरंग गद्यम,शरणागति गद्यम और नित्य ग्रंथम |

रामानुजाचार्य के प्रमुख संदेश

🔸अपने अहंकार को शांत करें

🔸भगवान की सेवा के रूप में सभी प्राणियों की सेवा करें

🔸समाज की सेवा करें जो ईश्वर का सार्वभौम रूप है

🔸किसी का अपमान ना करें

🔸मन और कर्म की पवित्रता सबसे महत्वपूर्ण है

 स्टैचू ऑफ इक्वलिटी की स्थापना

🔸 स्टैचू की स्थापना 11 वीं सदी के वैष्णव संत रामानुजाचार्य की 1000 भी जयंती को चिन्हित करने के लिए की गई है

यह संत की विराजमान अवस्था बैठने की स्थिति में दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा है|

🔸 इसका निर्माण चीन के  एरोस्पन कारपोरेशन (Aerospun corporation ) द्वारा सोने, चांदी,तांबा,पीतल और जस्ता के संयोजन वाले पंचधातु या पंचलोहा  से किया गया है |

🔸स्टैचू आफ इक्वलिटी रामानुजाचार्य की 216 फुट ऊंची प्रतिमा है, जिसे पहली बार 2018 में प्रस्तावित किया गया था

इसकी स्थापना हैदराबाद के बाहरी इलाके में शमशाबाद के पास मुचिन्तल में 45 एकड़ में फैली ‘जीयर इंटीग्रेटेड वैदिक अकादमी (JIVA) में की गई है |

🔸इस प्रतिमा का चिन्न जीयर ने प्रस्तावित और डिजाइन किया था |

इस प्रतिमा का लोकार्पण 2 फरवरी से शुरू की गई, जिसमें 5000 से अधिक वैदिक विद्वानों ने एक महायज्ञ किया

🔸इस यज्ञ को आधुनिक समय में दुनिया का सबसे बड़ा यज्ञ कहा गया है |

रामानुज सदियों पहले लोगों के सभी वर्गों के बीच सामाजिक समानता के परोपकार थे|

🔸उन्होंने मंदिरों को समाज में जाति या वर्ग स्थिति की परवाह किए बिना सभी के लिए अपने दरवाजे खोलने के लिए प्रोत्साहित किया|

यह एक ऐसा समय था जब कई जातियों के लोगों को मंदिरों में प्रवेश करने की मनाही थी |

🔸रामानुजाचार्य ने शिक्षा को उन लोगों तक पहुंचाया जो इससे वंचित थे |

🔸रामानुजाचार्य का सबसे बड़ा योगदान ‘वसुधैव कुटुंबकम ‘की अवधारणा का प्रचार करना है, जिसका अर्थ है ‘पूरी धरती एक परिवार’ है |

🔸रामानुजाचार्य ने ईश्वर की भक्ति, करुणा, विनम्रता समानता और आपसी सम्मान के माध्यम से सार्वभौमिक मोक्ष की बात की, जिसे ‘श्री वैष्णव संप्रदाय ‘ के रूप में जाना जाता है|

🔸वैष्णव संत चिन्ना जीयर स्वामी के अनुसार स्टैचू आफ इक्वलिटी को रामानुजाचार्य के सामाजिक दर्शन और पूरी मानवता को गले लगाने के संदेश को फैलाने के लिए डिजाइन किया गया है|

महत्त्व

🔸रामानुजाचार्य ने भक्ति आंदोलन को पुनर्जीवित किया और उनके उपदेशों में आने भक्ति विचारधाराओं को भी प्रेरित किया|

रामानुजाचार्य को अन्नामाचार्य, भक्त रामदास, त्यागराज, कबीर और मीराबाई जैसे कवियों के लिए प्रेरणा और आदर्श माना जाता है|

🔸रामानुजाचार्य जब नवोदित युवा दार्शनिक थे तब से ही प्रकृति और उसके संसाधनों जैसे हवा, पानी,और मिट्टी के संरक्षण की उन्होंने अपील की|

रामानुजाचार्य को पूरे भारत में मंदिर में किए जाने वाले अनुष्ठानों के लिए सही प्रक्रियाओं को स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है, जिनमें सबसे प्रसिद्ध तिरुमला और श्रीरंगम है|

🔸रामानुजाचार्य का प्रसिद्ध दर्शन विशिष्टद्वैत के नाम से जाना जाता है|

 

 

Leave a Comment