साइमन कमीशन, जिसे विलियम साइमन कमीशन के रूप में भी जाना जाता है, भारत में 1927 में आया था। इस कमीशन का मुख्य उद्देश्य था भारतीय संघ को सुधारना और संविधानिक सुधार की सिफारिशें करना था। यह कमीशन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पश्चात्, 1947 में ब्रिटिश शासन के समापन के बाद भारतीय संघ का संविधान तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
साइमन कमीशन 1928
साइमन कमीशन, जिसे विलियम साइमन कमीशन के रूप में भी जाना जाता है, एक ब्रिटिश सरकार की कमीशन थी जिसे 1927 में ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड इरविन की अध्यक्षता में भारत भेजा गया था। इसका प्रमुख कार्य भारतीय संघ की संविधानिक सुधार की सिफारिश करना था।
साइमन कमीशन ने 1928 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने कई सुझाव दिए, जैसे कि भारतीय संघ को अपने अधिकारों की न्यूनतम सीमा देने का प्रस्ताव दिया, लेकिन यह सीमा स्वतंत्रता संग्रामियों और भारतीय नेताओं के द्वारा स्वीकार नहीं की गई।
साइमन कमीशन की रिपोर्ट ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को और तेजी से बढ़ा दिया, और इसके परिणामस्वरूप ब्रिटिश सरकार ने बाद में स्वतंत्रता संग्रामियों के साथ संवाद करने की कड़ी कोशिशें की और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के परिणामस्वरूप 1947 में भारतीय स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
साइमन कमीशन का उद्देश्य
साइमन कमीशन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य के अंतर्गत भारत के संघर्षों और समस्याओं का मूल्यांकन करना था। इसका गठन 1947 में ब्रिटिश सरकार के नेतृत्व में किया गया था, जब भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हो गई थी।
साइमन कमीशन का उद्देश्य निम्नलिखित था-
- जांचना कि क्या भारत में विभिन्न समुदायों के बीच सामाजिक और आर्थिक समस्याएं हैं और उन्हें कैसे हल किया जा सकता है।
- संघर्षों के कारणों का पता लगाना और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुए घातक घटनाओं की जांच करना।
- भारतीय संघर्षों के बारे में सुझाव देना जिससे कि भारत में सामाजिक सुधार और आर्थिक विकास हो सके।
साइमन कमीशन का विरोध
साइमन कमीशन (Simon Commission) ब्रिटिश भारत में अंग्रेजी साम्राज्य के खिलाफ एक महत्वपूर्ण क्रियाकलाप था। यह कमीशन 1927 में गठित की गई थी और इसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश भारत के कानूनी प्रशासन की सुधारना था, लेकिन इसमें कोई भारतीय सदस्य नहीं था, जिसका भारतीय समुदायों द्वारा विरोध किया गया।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, इसके खिलाफ विरोध किया गया और “साइमन गो बैक” (Simon Go Back) नारे से भारतीय लोगों ने अपना आक्रोश प्रकट किया। साइमन कमीशन का सफलता यह था कि यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को और भी एकजुट कर दिया और लोगों को उनके मांगों के लिए साहस दिलाया। इसके परिणामस्वरूप, साइमन कमीशन का प्रस्तावित योजना भारत सरकार के द्वारा स्वीकार नहीं किया गया और बाद में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ने भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपने मुकाबले की यात्रा पर बढ़ने का मार्ग खोला।
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