लोदी वंश Pdf

लोदी वंश  की स्थापना बहलोल लोदी ने 1451 ई में की| बहलोल लोदी 19 अप्रैल 1451 को बहलोल शाहगाजी की उपाधि से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा| दिल्ली प्रथम अफगान राज्य की स्थापना का श्रेय बहलोल लोदी को दिया जाता हैं| लोदी वंश से संबंधित जानकारी के इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े। यहां से आप लोदी वंश pdf Download भी कर सकते हैं।

लोदी वंश pdf

बहलोल लोदी

  • लोदी वंश की स्थापना बहलोल लोदी ने 1451 ई में की| वह बहलोलशाह गाजी के नाम से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा तथा अपने नाम खुतबा पढ़वाया| इसकी सबसे महत्वपूर्ण विजय जौनपुर की थी| बहलोल लोदी ने हिंदुओं के प्रति धार्मिक कट्टरता का व्यवहार नहीं किया| उसके दरबार में कई प्रतिष्ठित हिंदू सरदार थे- राय करनसिंह, राय प्रतापसिंह, राय नरसिंह, राय त्रिलोकचंद्र और राय दादू|
  • उसने ‘बहलोल सिक्का’ चलाया जो उत्तर भारत में अकबर से पूर्व विनियम का मुख्य साधन था| बहलोल लोदी ने अपनी मृत्यु के पहले ही अपने तीसरे पुत्र निजाम खां को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया था, किंतु कुछ सरदारों ने इसका विरोध किया जिसका कारण यह था की निजाम खां की मां जैबंद एक सुनार की पुत्री थी| कुछ शक्तिशाली सरदारों ने निजाम खां का साथ दिया और 17 जुलाई 1489 ई को निजाम खां सुल्तान सिकंदर शाह के नाम से सिंहासन पर बैठा|

सिकंदर लोदी 

  • 17 जुलाई 1489 ई को निजाम खां सुल्तान सिकंदर शाह से सिंहासन पर बैठा|| वह लोदी वंश का महानतम शासक था| 1504 ई में सिकंदर लोदी ने राजस्थान के शासकों पर नियंत्रण के ध्येय से यमुना नदी के किनारे आगरा नामक नवीन नगर बसाया और इसे अपनी राजधानी बनाया| सिकंदर लोदी अत्यधिक परिश्रमी, उदार एवं न्यायप्रिय शासक था| उसने कृषि और व्यापार की उन्नति के लिए प्रयत्न किया|
  • नाप का पैमाना ‘गज-ए-सिकंदरी’ उसी के समय में आरंभ किया गया| उसने निर्धनों के लिए मुफ्त भोजन की व्यवस्था की|
  • सिकंदर लोदी ने मुहर्रम में ‘ताजिये’ निकालना बंद कर दिया तथा ‘पीरों’ और संतों की मजारों पर मुस्लिम स्त्रियों को जाने से रोका था|
  • उसके समय में योग्य व्यक्तियों की एक सूची बनाकर प्रत्येक छः माह पश्चात् उसके सामने प्रस्तुत की जाती थी|
  • सिकंदर के आदेश से एक आयुर्वेदिक ग्रंथ का फ़ारसी में अनुवाद किया, जिसका नाम ‘फरहंगे सिकंदरी’ रखा गया|
  • सिकंदर के समय में गायन विद्या के एक श्रेष्ठ ग्रंथ ‘लज्जत-ए- सिकंदरशाही’ की रचना हुई|
  • सिकंदर लोदी शहनाई सुनने का बहुत शौक़ीन था| वह ‘गुलरुखी’ उपनाम से कविताएं लिखता था| सुल्तान सिकंदर ने अनाज से जकात (संपत्ति कर) समाप्त कर दिया|

इब्राहिम लोदी 

1518 ई में महाराणा सांगा और इब्राहिम लोदी के मध्य खातोली का युद्ध हुआ| इस युद्ध में इब्राहिम लोदी पराजित हुआ था| पानीपत का प्रथम युद्ध 21 अप्रैल 1526 ई को बाबर और इब्राहिम लोदी के मध्य हुआ था| बाबर के योग्य सेनापतित्व, श्रेष्ठ युद्ध नीति और तोपखाने के कारण इब्राहिम की पराजय हुई और युद्ध स्थल में मारा गया| फरिश्ता के अनुसार, वह मृत्युपर्यत लड़ा और एक सैनिक की भांति मारा गया| नआमतउल्ला के अनुसार, सुल्तान इब्राहिम के अतिरिक्त भारत का अन्य कोई सुल्तान युद्ध स्थल में नहीं मारा गया|

लोदी वंश से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य 

  • बहलोल लोदी ने बहलोल सिक्के का प्रचलन करवाया|
  • बहलोल लोदी अपने सरदारों को मकसद-ए-अली कहकर पुकारता था|
  • बहलोल लोदी का पुत्र निजाम खां 17 जुलाई, 1489 ई में सुल्तान सिकंदर शाह की उपाधि से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा|
  • 1504 ई में सिकंदर लोदी ने आगरा शहर की स्थापना की|
  • भूमि के लिए मापन के प्रामाणिक पैमाना गजे सिकन्दरी का प्रचलन सिकंदर लोदी ने किया|
  • गुलरुखी शीर्षक से फ़ारसी कविताएं लिखने वाला सुल्तान सिकंदर लोदी था|
  • गले की बीमारी के कारण सिकंदर लोदी की मृत्यु 21 नवम्बर 1517 ई को हो गयी| इसी दिन इसका पुत्र इब्राहिम ‘इब्राहिम शाह’ की उपाधि से आगरा के सिंहासन पर बैठा|
  • 21 अप्रैल 1526 ई को पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी बाबर से हार गया| इस युद्ध में वह मारा गया|
  • बाबर को भारत पर आक्रमण के लिए नियंत्रण पंजाब के शासक दौलत खां लोदी एवं इब्राहिम लोदी के चाचा आलम खां ने दिया था|

 

 

 

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