अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान 3’ को अगस्त, 2022 (संभावित माह) में लांच करेगा|
🔸इससे संबंधित कई हार्डवेयर और उनके विशेष परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए हैं|
चंद्रयान -3 मिशन
🔸चंद्रयान -3, चंद्रयान -2 मिशन का उत्तराधिकारी है
इसे चंद्रमा की सतह पर एक और सॉफ्ट – लैंडिंग के लिए भेजा जाएगा|
🔸इसमें एक ऑर्बिटर और एक लैंडिंग मॉड्यूल होगा|
इस ऑर्बिटर को chandrayaan-2 जैसे वैज्ञानिक उपकरणों से लोड नहीं किया जाएगा|
🔸इसका काम केवल लेंडर को चंद्रमा तक ले जाने, उसकी कक्षा से लैंडिंग की निगरानी करने तक सीमित होगा|
साथ ही यह लैंडर और अर्थ स्टेशन के बीच संचार स्थापित करने में मदद करेगा|
चंद्रयान -2 मिशन
🔸chandrayaan-2 में एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल थे, यह सभी चंद्रमा का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिक उपकरणों से लैस थे|
chandrayaan-2 लैंडर का नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया था|
🔸ऑर्बिटर का काम 100 किलोमीटर की कक्षा से चंद्रमा की निगरानी करना था जबकि लैंडर को चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग के लिए डिजाइन किया गया है|
🔸chandrayaan-2 के रोवर को प्रज्ञान नाम दिया गया था|
🔸क्रैश लैंडिंग के कारण रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक नहीं पहुंच सका था|
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO)
🔸यह भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के तहत एक अंतरिक्ष एजेंसी है|
इसका मुख्यालय कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थित है|
🔸केंद्र सरकार ने डॉक्टर एस. सोमनाथ (Dr. S Somanath) को ISRO का नया चेयरमैन नियुक्त किया है. एस. सोमनाथ एक एयरोस्पेस इंजीनियर और रॉकेट वैज्ञानिक हैं.
वह के. सिवन का स्थान लिए हैं , जिनका कार्यकाल शुक्रवार 14 जनवरी को समाप्त हो गया था | सोमनाथ अंतरिक्ष विभाग का सचिव और अंतरिक्ष आयोग का अध्यक्ष पद संभालेंगे|
🔸इसका विजन अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान और ग्रहों की खोज को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है|
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है
1. चंद्रयान -3 मिशन चंद्रयान-2 जैसे वैज्ञानिक उपकरणों से लैस होगा
2. चंद्रयान -2 लैंडर मॉड्यूल का नाम प्रज्ञान रखा गया था|
A. केवल 1 B. केवल 2
C. दोनों D. कोई नहीं