भारत की मूल संविधान में 8 अनुसूचियां थी| वर्तमान में 12 अनुसूचियां हैं|
पहली अनुसूची – राज्य व संघ राज्य क्षेत्र
दूसरी अनुसूची – भारतीय संघ के पदाधिकारियों को मिलने वाले वेतन, भत्ते तथा पेंशन आदि का उल्लेख
तीसरी अनुसूची – भारतीय संघ के मूल पदाधिकारियों के शपथ और प्रतिज्ञान के प्रारूप|
चौथी अनुसूची – भारत के राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों (जम्मू & कश्मीर , दिल्ली व पुडुचेरी) के राज्य में प्रतिनिधित्व का विवरण |
पांचवी अनुसूची – अनुसूचित क्षेत्रों तथा अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन व नियंत्रण के बारे में उपबंध|
🔸पांचवी अनुसूची के अधीन जनजातीय भूमि का खनन के लिए निजी पक्षकारों को अंतरण अकृत तथा शून्य में घोषित किया जा सकता है|
छठवीं अनुसूची – असम मेघालय त्रिपुरा और मिजोरम के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में उपबंध|
सातवीं अनुसूची – केंद्र व राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन
इसमें 3 सूचियां है –
1). संघ सूची
🔸संघ सूची में कुल 97 विषयों (वर्तमान में गणना की दृष्टि से 98) का उल्लेख है , जिस पर कानून बनाने का अधिकार केवल संघ को है|
संघ सूची के विषय – रेडियो और टेलीविजन, शेयर बाजार, डाकघर बचत बैंक , जनगणना , बैंकिंग, बीमा, रक्षा , रेलवे एवं निगम कर संघ सूची के विषय है|
2). राज्य सूची
🔸 राज्य सूची में कुल 66 विषय (वर्तमान में गणना की दृष्टि से 59) हैं , जिन पर कानून राज्य सरकार द्वारा बनाए जाते हैं|
राज्य सूची के विषय – पुलिस, लोक स्वास्थ्य और स्वच्छता, प्रति व्यक्ति कर,गैस, रेलवे पुलिस, कारागार, पंचायती राज्य एवं भूमि सुधार राज्य सूची के विषय हैं|
3. समवर्ती सूची
🔸 समवर्ती सूची में कुल 45 विषय ( वर्तमान में गणना की दृष्टि से 52) का उल्लेख है, जिन पर कानून बनाने का अधिकार संघ तथा राज्य दोनों को है|
समवर्ती सूची के विषय – आर्थिक योजना , आपराधिक मामले , जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन, शिक्षा , वन, दंड प्रक्रिया, विवाह, विवाह विच्छेद (तलाक) एवं गोद लेना समवर्ती सूची के विषय हैं|
आठवीं अनुसूची – इसमें भारतीय संविधान द्वारा वर्तमान में मान्यता प्राप्त है 22 भाषाओं का उल्लेख किया गया है|
🔸मूल्यत: इसमें 14 भाषाएं थी| वर्ष 1967 में सिंधी को 21वें संविधान संशोधन द्वारा, वर्ष 1992 में कोंकणी , नेपाली तथा
🔸मणिपुरी को 71 वें संविधान संशोधन द्वारा और वर्ष 2004 में संथाली , डोंगरी , मैथिली तथा बोडो को 92 वें संविधान संशोधन, 2003 द्वारा आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है|
नौवीं अनुसूची – विशिष्ट अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकारण |
🔸प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम, 1951 द्वारा संविधान में शामिल नौवीं अनुसूची को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल
🔸नेहरू के कार्यकाल के दौरान भारतीय संविधान में शामिल किया गया| वर्तमान में इस अनुसूची में लगभग 282 अधिनियम है|
दसवीं अनुसूची – दल परिवर्तन के आधार पर निरहरता के बारे में उपबंध|52 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1985 द्वारा संविधान में शामिल किया गया|
ग्यारहवीं अनुसूची – पंचायतों के अधिकार , प्राधिकार तथा दायित्व आरती के बारे में उपबंध|
🔸 73वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा संविधान में शामिल किया गया है इस अनुसूची में पंचायती राज्य से संबंधित 29 विषय है|
बारहवीं अनुसूची – नगर पालिकाओं के अधिकार प्राधिकार तथा दायित्व आदि
🔸 74 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा संविधान में शामिल किया गया| इसमें शहरी स्थानीय निकाय से संबंधित 18 विषय है|
ये भी पढ़े ——-