भारत के उपराष्ट्रपति (Vice President of India)| उपराष्ट्रपति की पूरी सूची Pdf

संविधान में भारत के उपराष्ट्रपति  से संबंधित प्रावधान अमेरिका के संविधान से लिया गया हैं| उपराष्ट्रपति शब्द का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद-63 में किया गया हैं|

वर्तमान में जगदीप धनखड़ भारत के उपराष्ट्रपति हैं ये 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में नियुक्त हुए हैं इनका कार्यकाल 11 अगस्त 2022 से आरम्भ हुआ|

भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन समापति होता हैं(अनुच्छेद-64) उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सदस्य नहीं होता हैं, अत: इसे मतदान का अधिकार नहीं हैं, किन्तु सभापति के रूप में निर्णायक मत देने का अधिकार उसे प्राप्त हैं|

भारत के उपराष्ट्रपति पद की व्याख्या

उपराष्ट्रपति का पद और शक्तियाँ 1950 में भारत के संविधान में सृजित की गईं। संविधान में उपराष्ट्रपति के पद, शक्तियों और चुनाव प्रक्रिया के बारे में संक्षिप्त उल्लेख है।

उपराष्ट्रपति कई बार चुनाव के माध्यम से यह पद प्राप्त कर सकता है और राज्यसभा के पदेन सभापति का पद संभाल सकता है। भारत के उपराष्ट्रपति की सेवा अवधि 5 वर्ष की होती है, और भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा कर्तव्यों के निर्वहन के बाद चुनाव का कार्यकाल लगभग 60 दिनों का होता है।

 

 

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उपराष्ट्रपति की पूरी सूची

नाम कार्यकाल
डॉ एस राधाकृष्णन 1952-1962
डॉ जाकिर हुसैन 1962-1967
वी वी गिरी 1967-1969
गोपाल स्वरूप पाठक 1969-1974
बी डी जत्ती 1974-1979
न्यायमूर्ति मो हिदायतुल्ला 1979-1984
आर वेंकटरमण 1984-1987
डॉ शंकरदयाल शर्मा 1987-1992
के आर नारायणन 1992-1997
कृष्णकांत 1997-2002
भैरो सिंह शेखावत 2002-2007
हामिद अंसारी 2007-2017
एम वेंकैया नायडू 2017-2022
जगदीप धनखड़ 11.08.2022- अब तक

 

नोट:- उपराष्ट्रपति नियुक्त से पहले डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन सोवियत संघ के राजदूत थे|

भारत के उपराष्ट्रपति की योग्यता

कोई व्यक्ति उपराष्ट्रपति निर्वाचन होने के योग्य तभी होगा , जब वह

  • भारत का नागरिक हो
  • 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो|
  • निर्वाचन के समय किसी भी प्रकार के लाभ के पद पर नहीं हो|
  • व्यक्ति राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित होने के योग्य हो|

उपराष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया

  • अनुच्छेद-66 के तहत उपराष्ट्रपति का निर्वाचन किया जाता हैं| उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है और ऐसे निर्वाचन में मतदान गुप्त होता हैं|
  • उपराष्ट्रपति को अपना पद ग्रहण करने से पूर्व राष्ट्रपति अथवा उसके द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष शपथ लेना होता हैं|

नोट:- संसद के दोनों सदनों से बनने वाले निर्वाचकगण में निर्वाचित एवं मनोनीत दोनों सदस्य शामिल होते हैं|

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उपराष्ट्रपति का कार्यकाल

  • अनुच्छेद-67 में उपराष्ट्रपति के कार्यकाल का प्रावधान हैं| उपराष्ट्रपति पद ग्रहण की तारीख से पांच वर्ष की अवधि तक पद धारण करता है| परन्तु उपराष्ट्रपति हस्ताक्षर सहित लेख राष्ट्रपति को देकर अनुच्छेद-67क के तहत अपना पद त्याग सकता है|
  • उपराष्ट्रपति अपने पद की अवधि समाप्त हो जाने पर भी तब तक उस पद पर रहता है जब तक नए उपराष्ट्रपति की नियुक्ति नहीं हो जाती|(अनुच्छेद-ग)
  • उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित विवादों का निपटारा भी राष्ट्रपति की तरह उच्चतम न्यायलय द्वारा किया जाता हैं| निर्वाचन अवैध होने पर उसके द्वारा किये गए कार्य अवैध नहीं होते है|
  • राष्ट्रपति का पद खाली रहने पर उपराष्ट्रपति , राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता हैं| उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने की अधिकतम अवधि छह माह की होती हैं|
  • इस दौरान राष्ट्रपति की नियुक्ति करना अनिवार्य होता हैं| राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते समय उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति की सभी शक्तियां , उन्मुक्तियों , उपलब्धियों, भत्तों और विशेषाधिकार का अधिकार प्राप्त होता हैं|

नोट:- जिस किसी कालावधि में उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता हैं वः राज्यसभा के सभापति के पद के कार्यों को नहीं करेगा और अनुच्छेद 97 के अधीन राज्यसभा के सभापति के वेतन या भत्ते का हक़दार नहीं होगा|

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उपराष्ट्रपति की कार्य एव शक्तियां

उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है। अतः वह राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन करता है। वह राज्यसभा में पेश किसी विधेयक पर विचार-विमर्श एवं मतदान कराता है|

  •  मतों में समानता की स्थिति में राज्यसभा के सभापति के रूप में उसे अपना निर्णायक मत देने का अधिकार होता है।
  • वह राज्यसभा द्वारा पारित विधेयकों पर हस्ताक्षर करता है।
  • वह राज्यसभा सदस्यों के विशेषाधिकारों को संरक्षण प्रदान करता है।
  • जब राष्ट्रपति का पद मृत्यु, त्यागपत्र, महाभियोग या अन्य किसी कारण से रिक्त हो जाता है। तो अनुच्छेद-65 के तहत उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन करता है। जब तक कि नया राष्ट्रपति अपना पद ग्रहण न कर ले।
  • राष्ट्रपति के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय उपराष्ट्रपति को वही वेतन, भत्ते एवं विशेषधिकार प्राप्त होंगे जो राष्ट्रपति को प्राप्त होते हैं।
  • जब उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है तो वह राज्यसभा के सभापति के कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करता है।

 

Conclusion 

 

आशा है की आप इस आर्टिकल को अच्छे समझ गए होंगे और अपनी तैयार को बेहतर बनाएंगे| क्योकि परिश्रम ही सफलता की कुंजी है, जितना आप परिश्रम करेंगे उतना ही आप सफल होंगे| यदि आप के मन में इस आर्टिकल से सम्बंधित कोई सवाल हो तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में msg कर सकते हैं|

FAQ

Q.1 भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति कौन थे?

Ans. भारत डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे| इनका कार्यकाल 1952-1962 तक था| डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन दो बार उपराष्ट्रपति के रूप में नियुक्त हुए हैं|

Q.2 भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति कौन हैं?

Ans. भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ हैं| ये 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में नियुक्त हुए हैं इसका कार्यकाल 11 अगस्त 2022 से आरम्भ हुआ था|

 

 

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