भारतीय दार्शनिक सुधारक बौद्ध धर्म के संस्थापक एवं प्रताप प्रवर्तक गौतम बुद्ध ( जन्म 563 ईसा पूर्व निर्वाह 483 ईसा पूर्व) एक श्रमण थे, उनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म का प्रचलन हुआ |
◾️गौतम बुद्ध का जीवन
🔸गौतम बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के निकट लुम्बिनी में 563 ई. पू. में हुआ , वन नेपाल के तराई क्षेत्र में कपिलवस्तु और देवदह के बीच नौतनवा स्टेशन से 8 कि.मी दूर पश्चिम में रुकमिनदेई नामक स्थान के पास स्थित था|
उनके पिता शुद्धोधन शाक्यगण के प्रधान थे तथा माता माया देवी अथवा महामाया कोलिय गणराज्य ( कोलिय वंश ) की कन्या थी|
गौतम बुद्ध के जीवन की घटनाएं
घटनाएं अर्थ
भगवान बुद्ध के गर्भ में आने का प्रतीक – हाथी
भगवान बुद्ध के जन्म का प्रतीक – बैल / सांड
बुद्ध की गृह त्याग का प्रतीक – घोड़ा
गृह त्याग की घटना – महाभिनिष्क्रमण
ज्ञान प्राप्त होने की घटना – सम्बोधि
ज्ञान का प्रतीक – बोधि वृक्ष
प्रथम उपदेश देने की घटना -धर्म चक्र प्रवर्तन
बुद्ध की मृत्यु का प्रतीक – स्तूप
निर्वाण (बुद्ध की मृत्यु) – महापरिनिर्वाण
🔸गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था | जन्म के कुछ दिनों बाद इनकी माता का देहांत हो गया था| बुद्ध का लालन-पालन इनकी मौसी प्रजापति गौतमी ने किया था, इनका विवाह 16 वर्ष की अल्पायु में शाक्य कुल की कन्या यशोधरा के साथ हुआ| उत्तरकालीन बौद्ध ग्रंथों में यशोधरा के अन्य नाम गोपा, बिम्बा, इनके पुत्र का नाम राहुल था |
सिद्धार्थ गुरु विश्वामित्र के पास वेद तथा उपनिषदों को तो पढ़ा ही राजकाज और युद्ध विद्या की भी शिक्षा ली, कुश्ती, घुड़दौड़ तीर कमान, रथ हांकने में कोई उनकी बराबरी नहीं कर सकता था |
🔸बुद्ध के जीवन में चार दृश्य :- वृद्ध व्यक्ति, बीमार व्यक्ति, मृतक तथा प्रसन्नचित सन्यासी,
🔸सिद्धार्थ ने पत्नी एवं बच्चों को सोते हुए छोड़कर गृह त्याग दिया| गृह त्याग के समय सिद्धार्थ की आयु 29 वर्ष थी| बौद्ध ग्रंथों में गृह त्याग को ‘महाभिनिष्क्रमण’ की संज्ञा दी गई |
🔸 महाभिनिष्क्रमण – सुंदर पत्नी यशोधरा, दूधमुंह राहुल और कपिलवस्तु जैसे राज्य का मोह छोड़कर सिद्धार्थ तपस्या के लिए चल पड़े| वह राजगृह पहुंचे वहां भिक्षा मांगी, सिद्धार्थ घूमते- घूमते आलार कालाम और उददक रामपुत्र के पास पहुंचे| उनसे योग-साधना सीखी |
🔸समाधि लगाना सिखा पर उससे उन्हें संतोष नहीं हुआ| वह उरुवेला पहुंचे और वहां पर तरह-तरह से तपस्या करने लगे| बुद्ध ने तिल -चावल खाकर तपस्या का आरंभ किया, उसके पश्चात कोई भी आहार नहीं लिया|
🔸 बुद्ध के प्रथम गुरु आलार कालाम थे, जिनसे उन्होंने तपस्या काल में शिक्षा प्राप्त की 34 वर्ष की आयु में वैशाली पूर्णिमा के दिन सिद्धार्थ पीपल वृक्ष के नीचे ध्यानस्त थे, बुद्ध ने बोधगया में निरंजना नदी के तट पर कठोर तपस्या की तथा सुजाता नामक लड़की के हाथों खीर खाकर उपवास तोड़ा|
धर्मचक्र – प्रवर्तन – 80 वर्ष की उम्र तक अपने धर्म का संस्कृत के बजाय उस समय की सीधी सरल लोक भाषा पाली में प्रचार करते रहे| आषाढ़ की पूर्णिमा को वे काशी के पास मृगदाव (वर्तमान में सारनाथ) पहुंचे, वहां पर उन्होंने सर्वप्रथम धर्मोंदेश दिया|
🔸पांच मित्रों को अनुयायी बनाया, कौडिन्य, वप्पा, भादिया, महानामा, अस्सागी
🔸 बुद्ध ने आनंद के अनुरोध पर संघ में पहली बार वैशाली में महिलाओं को प्रवेश दिया, प्रजापति गौतमी को सर्वप्रथम बौद्ध संघ में प्रवेश मिला |आनंद, बुद्ध का प्रिय शिष्य था| आनंद को ही संबोधित करके अपने उपदेश देते थे|
🔸बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश पाली भाषा दिया, उसने अपने सर्वाधिक उपदेश कुशल देश की राजधानी श्रावस्ती में दिए |
बुद्ध के प्रमुख अनुयायी शासक – बिम्बिसार, प्रसेनजित, तथा उदयन |
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महापरिनिर्वाण – बुद्ध की मृत्यु (483 ई. पूर्व.) 80 वर्ष की आयु में कुशीनगर, ( देवरिया उत्तर प्रदेश) में शिष्य चुक द्वारा सुकर मांस खिलाये जाने के कारण हुई |
बौद्ध संगीतियाँ
प्रथम संगीति
समय – 483 ई. पू.
स्थान – राजगृह
अध्यक्ष -महाकश्यप
शासनकाल -अजातशत्रु
कार्य विशेषता – सूत्रपिटक तथा विनयपिटक का संग्रहण
द्वितीय संगीति
समय – 383 ई. पू.
स्थान – वैशाली
अध्यक्ष – सर्वकामी
शासनकाल – कालाशोक
कार्य विशेषता – बौद्ध संघ स्थवीर तथा महासंघिक में बँटा |
तृतीय संगीति
समय – 251 ई. पू.
स्थान – पाटलिपुत्र
अध्यक्ष – मोग्गलिपुत्त तिस्स
शासनकाल – अशोक
कार्य विशेषता – अभिधम्म पिटक को संकलित कर कथावत्थू को जोड़ा गया |
चतुर्थ संगीति
समय – ईसा की प्रथम ई. शताब्दी
स्थान – कुण्डलवन ( कश्मीर)
अध्यक्ष – वसुमित्र (अश्वघोष -उपाध्यक्ष)
शासनकाल – कनिष्क
कार्य विशेषता – विभाषाशास्त्र का संकलन एवं बौद्ध धर्म महायान तथा हीनयान में बँटा |
🔸बौद्ध धर्म के त्रिरत्न – बुद्ध, धम्म एवं संघ
बौद्धों का सबसे पवित्र त्यौहार वैशाखी पूर्णिमा है जिसे बुद्धपूर्णिमा के नाम से जाना जाता है बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति, एवं महापरिनिर्वाण बैशाखी पूर्णिमा को ही हुई|
बुद्ध ने चार आर्य सत्य का उपदेश दिया है जो इस प्रकार हैं – दु:ख, दु:ख समुदाय, दु:ख निरोध, दु:ख निरोधगामिनी प्रतिपधा |
बौद्ध स्तूप
🔸बुद्ध के अस्थि अवशेष पर 8 स्तूपों का निर्माण मगध शासक अजातशत्रु तथा इस क्षेत्र के गणराज्य द्वारा करवाया गया |
मौर्य शासक अशोक द्वारा 84,000 स्तूपो का निर्माण साम्राज्य के विभिन्न हिस्सों में करवाया गया|
🔸सर्वाधिक प्राचीन स्तूप मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित भरहूत का स्तूप है जिसकी खोज 1873 ई. में अलेक्जेण्डर कनिंघम ने की थी |
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है सांची स्तूप सबसे विशाल स्थित है जिसका निर्माण मौर्य शासक अशोक ने करवाया था|
🔸गुप्त शासकों द्वारा निर्मित धमेख स्तूप सारनाथ स्तूप के नाम से जाना जाता है |
हीनयान और महायान में अंतर
हीनयान
🔸 हीनयान का शाब्दिक अर्थ है निम्न मार्ग
🔸इसमें महात्मा बुद्ध को एक महापुरुष माना जाता था |
🔸यह व्यक्तिवादी धर्म है| इसके अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को अपने प्रयत्नों से ही मोक्ष प्राप्त करना चाहिए|
🔸यह मूर्ति पूजा एवं भक्ति में विश्वास नहीं करता है|
🔸इसकी साधना पद्धति अत्यंत कठोर है तथा यह भिक्षु जीवन का समर्थक है|
🔸इसका आदर्श ‘अहर्त’ पद को प्राप्त करना है|
🔸इसके प्रमुख संप्रदाय – वैभाषिक तथा सौत्रान्तिक |
महायान
🔸महायान का शाब्दिक अर्थ है – उत्कृष्ट मार्ग
🔸 इसमें उन्हें देवता माना जाता था|
🔸इसमें परोपकार एवं पर सेवा पर बल दिया गया इसका उद्देश्य समस्त मानव जाति का कल्याण है|
🔸यह आत्मा एवं पुनर्जन्म में विश्वास करता है|
🔸इसके सिद्धांत सरल एवं सर्वसाधारण के लिए सुलभ है|इसमें भिक्षु के साथ-साथ सामान्य उपासकों को भी महत्व दिया गया है|
🔸इसका आदर्श’ बोधिसत्व ‘ है|
🔸इसके प्रमुख संप्रदाय हैं – शून्यवाद (माध्यमिक )तथा विज्ञानवाद (योगाचार)|
FAQs
Q.1 बौद्ध धर्म का उद्भव कब और कैसे हुआ?
Ans. बौद्ध धर्म का उद्घाटन गौतम बुद्ध द्वारा 6वीं सदी ईसा पूर्व में हुआ।
Q.2बौद्ध धर्म में मुख्य धार्मिक ग्रंथ क्या है?
उत्तर: मुख्य धार्मिक ग्रंथ पितक नामक है, जिसे त्रिपिटक (Tripitaka) भी कहा जाता है।
Q.3 बौद्ध धर्म का मुख्य सिद्धांत क्या है?
Ans. बौद्ध धर्म का मुख्य सिद्धांत है चत्तारी आर्यसत्य (Four Noble Truths) का बयान, जिसमें दुख, उसका कारण, उसका निवर्तन, और मार्ग का वर्णन है।
Q.4 बौद्ध धर्म में कितने प्रमुख सम्प्रदाय हैं?
Ans. बौद्ध धर्म में मुख्य रूप से तीन प्रमुख सम्प्रदाय हैं – थेरवाद (Theravada), महायान (Mahayana), और वज्रयान (Vajrayana)।
Q.5 बौद्ध धर्म का मुख्य उद्देश्य क्या होता है?
Ans. बौद्ध धर्म का मुख्य उद्देश्य है दुख से मुक्ति प्राप्त करना और बोधिसत्त्व बनकर अन्यों की सहायता करना।