अरब एवं बाद में तुर्को द्वारा भारत पर आक्रमण भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं हैं, अरबों द्वारा धन की लूट के लिए सिंध एवं उसके आस पास के क्षेत्रों में आक्रमण किये गए| भारत पर सर्वप्रथम मुस्लिम आक्रमण 711 ई में उबैदुल्लाह के नेतृत्व में हुआ, इसके बाद 711 ई में ही बुड़ैल के नेतृत्व में दूसरा आक्रमण हुआ, ये दोनों ही आक्रमण असफल हुए|
अरबों द्वारा सिंध की विजय 712 ई में मुहम्मद-बिन-कासिम के नेतृत्व में पहला सफल मुस्लिम आक्रमण भारत पर हुआ| उस समय सिंध पर दाहिर का शासन था| सिंध विजय के बाद भी आक्रमणकारी भारत में उस प्रकार का साम्राज्य नहीं बना पाए जैसा की उस समय उन्होंने एशिया, अफ्रीका और यूरोप के विभिन्न भागों में बनाया था|
712 ई में अरबों से पराजय तथा आगामी चुनौतियों का सामना करने के लिए कई नई शक्तियों (गुर्जर पतिहार, राष्ट्रकूट, चालुक्य आदि) का प्रादुर्भाव हुआ, जिन्होनें भारत में आगामी 300 वर्षों तक शासन किया|
तुर्कों ने महमूद गजनवी के नेतृत्व में भारत पर (कुल 17 बार) आक्रमण किये| भारत में मुस्लिम शासन की स्थापना का श्रेय अरबों की अपेक्षा तुर्कों को दिया जाता हैं|
आठवीं शताब्दी के आरम्भ में भारत की राजनितिक दशा
इस समय देश में कोई सर्वोच्च केंद्रीय शक्ति नहीं थी| भारत विभिन्न छोटे-छोटे राज्यों का संग्रह था और प्रत्येक राज्य स्वतंत्र एवं सार्वभौम था| आठवीं शताब्दी के पूर्वार्ध्द में प्रमुख राज्य निम्न थे-
अफगानिस्तान
अरब आक्रमण के समय अफगानिस्तान में एक ब्राह्मण वंश का शासन था, मुस्लिम लेखकों ने इस वंश को हिंदुशाही साम्राज्य अथवा काबुल या जाबुल का साम्राज्य कहा हैं|
कश्मीर
सातवीं शताब्दी के कश्मीर में दुर्लभवर्धन ने कार्कोट वंश की स्थापना की, हेनसांग ने उसके शासनकाल में कश्मीर की यात्रा की| दुर्लभवर्धन का उत्तराधिकारी दुर्लभक( 632-682 ई) हुआ, जिसने प्रतापादित्य की उपाधि धारण की|
कश्मीर के शासकों में ललितादित्य मुक्तापीड़, जो लगभग 724 ई में सिंहासन पर बैठा उसका साम्राज्य पूर्व में बंगाल, दक्षिण में कोंकण, उत्तर-पश्चिम में तुर्कमेनिस्तान और उत्तर-पूर्व में तिब्बत तक विस्तृत था| वह अपने वंश का प्रतापी शासक था| उसके समय में सूर्य देवता के लिए मार्तड मंदिर बनवाया गया, 740 ई के लगभग उसने कनौज के राजा यशोवर्मन को पराजित किया|
कन्नौज
आठवीं शताब्दी के आरम्भ में यशोवर्मन कन्नौज के सिंहासन पर बैठा, अपने पराक्रम से उसने पुन: कन्नौज को अपने अतीत का गौरव प्रदान किया, वह सिंध के राजा दाहिर का समकालीन था| इसके उपरांत कन्नौज पर आधिपत्य के लिए 8 वीं शताब्दी की तीन बड़ी शक्तियों- पाल, गुर्जर प्रतिहार व राष्ट्रकूट के मध्य एक संग्राम हुआ, जिसे त्रिपक्षीय संघर्ष के नाम से जाना जाता हैं|
अरबों द्वारा सिंध की विजय के महत्वपूर्ण तथ्य
सिंध क्षेत्र की विजय अरब व्यापारी और इस्लामिक विश्वास के साथ 8वीं सदी के आसपास हुई।
अरब व्यापारी सिंध क्षेत्र में आने वाले थे और यहाँ के धन के लिए महत्वपूर्ण थे।
इन अरब व्यापारियों ने अपने व्यापार के लिए सिंध के समृद्धि को बढ़ावा दिया।
सिंध क्षेत्र में अरब व्यापारियों ने इस्लाम के धर्म का प्रसार किया और मस्जिद और मदरसों की स्थापना की।
इसके परिणामस्वरूप, सिंध क्षेत्र में इस्लाम का प्रभाव बढ़ा और यह यहाँ की सांस्कृतिक और धार्मिक परिधि को प्रभावित किया।
अरब व्यापारी ने सिंध के अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया और यह एक विकासी समृद्धि क्षेत्र बन गया।
अरब व्यापारी ने सिंध के स्थानीय व्यापारी वर्ग को भी प्रभावित किया और उनके साथ सांघर्ष किया।
सिंध के समृद्धि क्षेत्र के रूप में अरब व्यापारियों का आगमन उस समय के इतिहास में महत्वपूर्ण घटना था।
इस घटना ने सिंध क्षेत्र की सांस्कृतिक, आर्थिक और धार्मिक दृष्टि से विकसन की दिशा में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया।
अरब व्यापारी और इस्लाम के प्रवर्तकों का सिंध क्षेत्र में आगमन सिंध के इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया और इसने यहाँ के समाज और संस्कृति को बदल दिया।
FAQs
Q. किस अरब नेता ने 8वीं सदी में सिंध की विजय का प्रयास किया?
Ans. मुहम्मद बिन कासिम ने 8वीं सदी में सिंध की विजय का प्रयास किया।
Q. अरबों द्वारा सिंध की विजय कब हुई थी?
Ans. अरबों द्वारा सिंध की विजय 711 CE में हुई थी।
Q. किस वीर योद्धा के खिलाफ मुहम्मद बिन कासिम ने आक्रमण किया था?
Ans. मुहम्मद बिन कासिम ने राजा दाहर के खिलाफ आक्रमण किया था।
Q.सिंध के अरब आक्रमण से क्या यह व्यक्ति सिंध क्षेत्र में लाए थे?
Ans. सिंध के अरब आक्रमण से इस्लाम का प्रसार हुआ और मुस्लिम समुदाय सिंध क्षेत्र में आये।
Q. सिंध पर अरब आक्रमण का मुख्य उद्देश्य क्या था?
Ans. सिंध पर अरब आक्रमण का मुख्य उद्देश्य इस्लाम का प्रसार करना था।
Q. सिंध के अरब आक्रमण के परिणामस्वरूप कैसे बदल गई सिंध की राजनीतिक प्रणाली?
Ans. सिंध के अरब आक्रमण के परिणामस्वरूप, सिंध की राजनीतिक प्रणाली में इस्लामिक शासन की स्थापना हुई और इस्लामिक शासकों का शासन स्थायी रूप से स्थापित हुआ।
Q. सिंध पर अरब आक्रमण का इतिहास में क्या महत्व है?
Ans. सिंध पर अरब आक्रमण ने इस्लाम का प्रसार किया और सिंध के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जिससे सिंध क्षेत्र में इस्लामिक सांस्कृतिक प्रभाव हुआ।
Q. सिंध में अरब आक्रमण के परिणामस्वरूप क्या बदल गया?
सिंध में अरब आक्रमण के परिणामस्वरूप सिंध क्षेत्र में इस्लामिक संस्कृति, भाषा, और धर्म का प्रसार हुआ, जिससे सिंध की सांस्कृतिक पहचान बदल गई।
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