◾️हाल ही में वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2022-23 पेश किया। इस बजट के साथ भारत ने आज़ादी का अमृत महोत्सव के माध्यम से आज़ादी के 75 वर्ष पूरे करने को चिह्नित किया।
🔸इसके अलावा बजट अगले 25 वर्षों के लिये एक योजना भी निर्धारित करता है और उसी अवधि को अमृत काल के रूप में संदर्भित करता है।
बजट 2022 की मुख्य विशेषताएँ :-
🔸विकास दर: चालू वर्ष (2021-22) में भारत की आर्थिक वृद्धि सकल घरेलू उत्पाद का 9.2% होने का अनुमान है, जो सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।
🔸अमृत काल: भारत ने अमृत काल में प्रवेश किया है, जो भारत@100 की 25 वर्ष लंबी लीडअप योजना है। अमृत काल के दौरान सरकार का उद्देश्य निम्नलिखित लक्ष्य प्राप्त करना है:
🔸सूक्ष्म-आर्थिक स्तर की सभी समावेशी कल्याण नीतियों के साथ ‘मैक्रो-इकोनॉमिक लेवल ग्रोथ फोकस’ को लागू करना।
🔸डिजिटल अर्थव्यवस्था और फिनटेक, प्रौद्योगिकी सक्षम विकास, ऊर्जा संक्रमण एवं जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा देना।
🔸सार्वजनिक पूंजी निवेश के साथ निजी निवेश को बढ़ावा देना।
अमृत महोत्सव की प्राथमिकताएँ:
🔸पीएम गतिशक्ति
🔸समावेशी विकास
🔸उत्पादकता वृद्धि और निवेश, उदीयमान अवसर, ऊर्जा संक्रमण और जलवायु कार्रवाई
🔸निवेश का वित्तपोषण
🔸प्रोडक्टिविटी लिंक्ड इंसेंटिव: प्रोडक्टिविटी लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के तहत 14 क्षेत्रों में 60 लाख नए रोज़गार सृजित होंगे।
बजट में अन्य प्रमुख घोषणाएँ:
🔸रेलवे: स्थानीय व्यवसायों और आपूर्ति शृंखलाओं की सहायता के लिये ‘वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट’ अवधारणा।
🔸पर्वतमाला: यह एक राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम है, इसे पीपीपी मोड पर संपन्न किया जाना है।
🔸किसान ड्रोन: फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण, कीटनाशकों और पोषक तत्त्वों का छिड़काव।
🔸MSME: उद्यम, ई-श्रम, NCS और असीम पोर्टल को आपस में जोड़ा जाएगा।
🔸कौशल विकास: ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से नागरिकों को कौशल प्रदान करने के साथ-साथ आजीविका हेतु डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र (DESH-Stack e-portal) शुरू किया जाएगा।
शिक्षा: पीएम ई-विद्या के ‘वन क्लास-वन टीवी चैनल’ कार्यक्रम को 200 टीवी चैनलों तक विस्तारित किया जाएगा।
स्वास्थ्य: राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के लिये एक खुला मंच शुरू किया जाएगा।
सक्षम आँगननवाड़ी (नई पीढ़ी की आँगनवाड़ी): मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आँगनवाड़ी और पोषण 2.0 के माध्यम से महिलाओं एवं बच्चों को एकीकृत लाभ।
पीएम-डिवाइन: यह नई योजना पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिये प्रधानमंत्री विकास पहल (पीएम-डिवाइन) के तहत पूर्वोत्तर में बुनियादी ढाँचे और सामाजिक विकास परियोजनाओं को निधि देने के लिये शुरू की गई है।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम: उत्तरी सीमा पर विरल आबादी, सीमित कनेक्टिविटी और बुनियादी ढाँचे के साथ सीमावर्ती गाँवों के विकास के लिये वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू किया जाएगा।
उदीयमान अवसर: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, भू-स्थानिक प्रणालियों और ड्रोन, सेमीकंडक्टर तथा इसका इकोसिस्टम, अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था, जीनोमिक्स एवं फार्मास्युटिकल्स, हरित व स्वच्छ ऊर्जा आवागमन प्रणालियों में बड़े पैमाने पर सतत् विकास में सहायता करने तथा देश के आधुनिकीकरण की अपार संभावनाएँ हैं।
GIFT-IFSC: गिफ्ट सिटी में विश्व स्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को अनुमति दी जाएगी।
अंतर्राष्ट्रीय न्याय के तहत विवादों के समय पर निपटारे के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र स्थापित किया जाएगा।
डिजिटल रुपया: भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा वर्ष 2022-23 से डिजिटल रुपए की शुरुआत की जाएगी।
बजट और संवैधानिक प्रावधान:
🔸भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, एक वर्ष के केंद्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण (Annual Financial Statement- AFS) कहा जाता है।
🔸यह एक वित्तीय वर्ष में सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण है (जो चालू वर्ष में 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले वर्ष के 31 मार्च को समाप्त होता है)।
बजट में शामिल प्रमुख बिंदु :
राजस्व और पूंजी प्राप्तियों का अनुमान।
राजस्व बढ़ाने के तरीके और साधन।
व्यय अनुमान।
पिछले वित्तीय वर्ष की वास्तविक प्राप्तियों और व्यय का विवरण तथा उस वर्ष में किसी भी कमी या अधिशेष का कारण।
आने वाले वर्ष की आर्थिक और वित्तीय नीति, अर्थात् कराधान प्रस्ताव तथा नई योजनाओं/परियोजनाओं की शुरुआत।
संसद में बजट छह चरणों से गुज़रता है:
बजट की प्रस्तुति।
आम चर्चा।
विभागीय समितियों द्वारा जाँच।
अनुदान मांगों पर मतदान।
विनियोग विधेयक पारित करना।
वित्त विधेयक पारित करना।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों का विभाग ‘बजट डिवीज़न’ तैयार करने हेतु ज़िम्मेदार केंद्रीय निकाय है।
स्वतंत्र भारत का पहला बजट वर्ष 1947 में प्रस्तुत किया गया था।