UPSC Mains exam syllabus detail topic
Paper -1
निबंध : उम्मीदवार को एक विनिर्दिष्ट विषय पर निबंध लिखना होगा | विषयों के विकल्प दिए जाएंगे | उनसे आशा की जाती है कि अपने विचारों को निबंध के विषय के निकट रखते हुए क्रमबद्ध करें तथा संक्षेप में लिखें | प्रभावशाली एवं सटीक अभिव्यक्तिओं के लिए श्रेय दिया जाएगा|
Note:
◾️ निबंध का प्रश्न पत्र मुख्यता दो भागों में विभाजित रहता है, प्रत्येक भाग में दिए गए चार विकल्पों में से एक-एक विकल्प का चयन करते हुए कुल 2 निबंध (प्रत्येक 125 अंक) लिखने होते हैं| प्रत्येक निबंध के लिए निर्धारित शब्द सीमा लगभग 1000 -1200 होती हैं |
Paper -2
3. भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक की कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे |
2. 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास – महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व, विषय |
3. स्वतंत्रता संग्राम – इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति / उनका योगदान |
4. स्वतंत्रता के पश्चात देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन |
5. विश्व के इतिहास में 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएं यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनः सीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव |
6. भारतीय सामाजिक की मुख्य विशेषताएं भारत की विविधता |
7. महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं संबंध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएं और उनके रक्षोपाय |
8. भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव|
9. सामाजिक सशक्तिकरण, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता |
10. विश्व की भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएं|
11. विश्व भारत के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण ( दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए ), विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिए जिम्मेदार कारक |
12. भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएं, भौगोलिक विशेषताएं और उनके स्थान – अति महत्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल स्त्रोत हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणीजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव |
Paper – 3
1. भारतीय संविधान – ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना |
2. संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढांचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियां स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ|
3. विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान |
4. भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना |
5. संसद और राज्य विधायिका – संरचना, कार्य, कार्य-संचालन शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार और इन से उत्पन्न होने वाले विषय |
6. कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठनों और कार्य – सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक / अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका |
7. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ |
8. विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियाँ, कार्य और उत्तरदायित्व |
9. सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय |
10. सांविधिक, विनियामक और विभिन्न विभिन्न अर्द्ध- न्यायिक निकाय |
11. विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग- गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं और लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत तथा अन्य पक्षो की भूमिका|
12. केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य- निष्पादन ;इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय |
13. स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/ सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय |
14. गरीबी एवं भूख से संबंधित विषय|
15. शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई- गर्वर्नेस – अनूप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएं और संभावनाएँ ; नागरिक चार्टर पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय |
16. लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका|
17. भारत एवं इसके पड़ोसी – संबंध|
18. द्विपक्षीय , क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित / भारत के हितों को प्रभावित करने वाले कार्य |
19. भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव ; प्रवासी भारतीय |
20. महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच – उनकी संरचना, अधिदेश |
Paper – 4
1. भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति विकास तथा रोजगार से संबंधित विषय|
2. समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय
3. सरकारी बजट
4. मुख्य फसलें- देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधी विषय और बाधाएँ; किसानों की सहायता के लिए ई – प्रौद्योगिकी |
5. प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय ; जन वितरण प्रणाली – उद्देश्य ,कार्य, सीमाएं , सुधार ; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन पशुपालन संबंधी अर्थशास्त्र |
6. भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग कार्य क्षेत्र एवं महत्व स्थान ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएं आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन भारत में भूमि सुधार|
7. उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव|
8. बुनियादी ढांचा : ऊर्जा , बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन रेलवे आदि|
9. निवेश मॉडल|
10. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – विकास एवं अनुप्रयोग और रोजमर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव|
11. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास|
12. सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष , कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो- टेक्नोलॉजी, बायो- टेक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरूकता|
13. संरक्षण पर्यावरण प्रदूषण और कारण पर्यावरण प्रभाव का आकलन|
14. आपदा और आपदा प्रबंधन|
15. विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध|
16. आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्वों की भूमिका|
17. संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन -शोधन और इसे रोकना|
18. सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन- संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध|
19. विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएं तथा उनके अधिदेश |
Paper – 5
1. नीति शास्त्र तथा मानवीय सह-संबंध : मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्व, इसके निर्धारण और परिणाम, नीतिशास्त्र के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र, मानवीय मूल्य – महान नेताओं, सुधारको और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा, मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं में भूमिका |
2. अभिवृत्ति: सारांश( कंटेंट), संरचना, वृत्ति, विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध, नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि, सामाजिक प्रभाव और धारणा |
3. सिविल सेवा के लिए अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य- सत्य निष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर – तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव , कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना|
6. भावनात्मक समझ: अवधारणाएं तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग|
7. भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान|
6. लोक प्रशासन में लोक/ सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र : स्थिति तथा समस्याएं , सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएं तथा सुविधाएं, नैतिक मार्गदर्शन के स्त्रोतों के रूप में विधि ,
- नियम, विनियम तथा अंतरात्मा , उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण, अंतरराष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे, कारपोरेट शासन व्यवस्था|
7. शासन व्यवस्था में ईमानदारी : लोक सेवा की अवधारणा, शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ |
8. उपयुक्त विषयों पर मामला संबंधित अध्ययन ( केस स्टडीज )
Paper – 6
प्रश्नपत्र – 1 ( वैकल्पिक विषय )
Paper – 7
प्रश्नपत्र – 2 ( वैकल्पिक विषय )
Qualifying paper
Paper – A
हिंदी या संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कोई भाषा
1. भारतीय भाषाओं में से एक भाषा जो संविधान की आठवीं सूची में शामिल है उसे पेपर ‘A’ के लिए उम्मीदवार द्वारा चयनित किया जाता है|
2. प्रश्न पत्र अरुणाचल प्रदेश , मणिपुर, मेघालय, मिजोरम नागालैंड और सिक्किम के रहने वाले उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य नहीं होता हैं |
3. इस पेपर का पूर्णांक 300 है जिसमें क्वालीफाइंग 75 (25%) निर्धारित किया गया है|
प्रश्नों का पैटर्न
1. बोधगम्यता ( Comprehension of given passages), 2. संक्षिप्त लेखन ( Precis Writing ), 3. शब्द प्रयोग व शब्द भंडार (Usage and Vocabulary) 4. लघु निबंध ( Short Essay ) 5. अंग्रेजी में भारतीय भाषा तथा भारतीय भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद ( Translation from English to the Indian Language and vice- vesa)
Paper – ‘B’
अंग्रेजी भाषा
1. इस पेपर का पूर्णांक 300 है जिसमें क्वालीफाइंग 75 (25 %) निर्धारित किया गया है |
प्रश्नों का पैटर्न :-
1. Comprehension of given passage (बोधगम्यता) 2. Precis Writing ( संक्षिप्त लेखन ), 3. Usage and Vocabulary ( शब्द प्रयोग व शब्द भंडार ), 4. Short Essay ( लघु निबंध )|
Note:
◾️भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी भाषा के प्रश्न पत्र मैट्रिकुलेशन अथवा समकक्ष स्तर के होंगे जिनमें केवल अहर्ता अंक प्राप्त करनी होगी| इन प्रश्नपत्रों में प्राप्त अंकों को योग्यता क्रम निर्धारित करने में नहीं गिना जाएगा |
◾️ उम्मीदवारों को क्वालीफाई अंग्रेजी एवं एक भारतीय भाषा के प्रश्नपत्रों का उत्तर क्रमश: अंग्रेजी एवं संबंधित भारतीय भाषा में ही लिखना होता है | ( यदि किसी प्रश्न विशेष में अन्यथा निर्दिष्ट ना हो )
◾️History optinal subject syllabus
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