ग्रेगोरियन कैलेण्डर (Gregorian Calendar)
- ग्रेगोरियन कैलेंडर 1582 ईस्वी में पोप ग्रेगोरी के द्वारा लागू किया था इससे पहले अधिकांश यूरोपीय देशो में जूलियन कैलेंडर का प्रचलन था ।
- —।—25 लाख—-326—323——3—–2—-1—-0।—-1—–2—-3—–4——-5—–2018—-2019—–2020—–।—
- ईसा पूर्व ( Before Christ ) ईसा का जन्म ईस्वी ( A . D.)
मानव का विकास
- भू -वैज्ञानिक दृष्टि के अनुसार 4.6 अरब वर्ष प्राचीन है तथा इसमें जीवन की उत्पत्ति लगभग 3.5 अरब वर्ष पूर्व हुई थी ।
- परन्तु इस कल में छोटे – छोटे जीव- जन्तुओ का विकास हो पाया था ।
- आज से लगभग 2 करोड़ वर्ष पूर्व महाकपि की प्रजाति रामपिथेकस का प्रसार दो शाखाओ में हो गया।
- रामपिथेकस की जो प्रजाति जंगल में रह गयी , उसका विकास बंदरो के रूप में हो गया ।
- जबकि रामपिथेकस की जो प्रजाति मैदान में आ गयी , उसका विकास आदि मानव (Hominid – वनमानुष ) अर्थात आस्ट्रेलोपिथेकस के रूप में हो गया ।
- आस्ट्रेलोपिथेकस से ही आगे चलकर आधुनिक मानव अर्थात होमोसेपियंस का विकास हुआ ।
- संक्षेप में मानव के विकास को इस प्रकार से समझा जा सकता है –
- आस्ट्रेलोपिथेकस
- होमोहैबिलिस
- होमो इरेक्टस
- नियंडरथल
- होमोसेपियंस
🔸रामपिथेकस ( महाकपि )
- भारतीय उपमहाद्वीप में रामपिथेकस का जीवाश्म सर्वप्रथम 1932 ईस्वी में पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में स्थित पोतवार पठार ( शिवालिक पहाड़ियों वाला इलाका ) से प्राप्त हुआ है ।
🔸आस्ट्रेलोपिथेकस ( आदि मानव )
- आस्ट्रलोपिथेकस को आदि मानव , मानव का आदि पूर्वज ,प्रोटो मानव तथा आध मानव भी कहा जाता है ।
- विश्व में आस्टेलोपिथेकस का प्राचीनतम जीवाश्म केन्या ( अफ्रीका ) से प्राप्त हुआ है , जो लगभग 25 लाख ईस्वी पूर्व का है ।
- भारत से आस्ट्रेलोपिथेकस के जीवाश्म प्राप्त नहीं होते , परन्तु उसके द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले प्रस्तर उपकरणों से भारत में आदिमानव की उपस्थिति का समय लगभग 5 लाख ईस्वी पूर्व माना जाता है ।
- हाल ही में महाराष्ट्र के बोरी नामक स्थान से मिले प्रस्तर उपकरणों के आधार पर भारत में आदि मानव की उपस्थिति लगभग 14 लाख वर्ष पूर्व मानी जा सकती है ।
- अधिकांश विद्वानों का मत है की भारत में आदि मानव का उद्भव सबसे पहले पंजाब में हुआ था , किन्तु वर्किट के अनुसार दक्षिण भारत में हुआ था ।
🔸होमोहैबिलिस ( कारीगर मानव )
- होमो हैबिलिस को कारीगर मानव भी कहा जाता है , क्योकि इसने ही पत्थर के औजार बनाये थे ।
🔸होमो इरेक्टस ( द्विपद मानव )
- होमो इरेक्टस दो पैरो पर सीधा चलने वाला मानव था । इससे ही सर्वप्रथम पत्थर के हैन्डएक्स तथा अग्नि का आविष्कार किया था ।
- भारतीय उपमहाद्वीप में सर्वप्रथम होमो इरेक्टस का जीवाश्म ( खोपड़ी ) 1982 ईस्वी में मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में नर्मदा नदी के किनारे हथनोरा नमक गांव से अरुण सोनकिया को प्राप्त हुआ था , जो 30 वर्षीय युवती का कपाल था ।
- हथनोरा से प्राप्त जीवाश्म को भारत में मानव का प्रथम जीवाश्म माना जाता है तथा इसे होमो इरेक्टस नर्मदेन्सिस या नर्मदा मानव भी कहा जाता है ।
🔸नियन्डरथल(अंतिम संस्कार करने वाला मानव)
- नियन्डरथल मानव का नामकरण जर्मनी के नियंडर नदी घाटी पर आधारित है ।
- मृतकों का अंतिम सस्कार करने वाला तथा चमड़े के कपड़े से तन ढकने वाला प्रथम मानव था ।
🔸होमो सेपियन्स ( आधुनिक मानव )
- होमो सेपियन्स को आधुनिक मानव , बुद्धिमान मानव तथा प्रज्ञा मानव भी कहा जाता है ।
- आधुनिक मानव को होमो सेपियन्स सर्वप्रथम लीनियस ने कहा था ।
- होमो सेपियन्स का उद्भव 30-40 हज़ार वर्ष पूर्व अत्यंत नृतन युग में हुआ था ।
- होमो सेपियन्स के साक्ष्य भारतीय उपमहाद्वीप से प्राप्त नहीं होते है ।