आधुनिक भारत में शिक्षा का विकास Pdf Download

आधुनिक भारत में शिक्षा का विकास ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल में आरम्भ हुआ| 1781 में तत्कालीन गवर्नर वॉरेन हेस्टिंग ने कलकत्ता में मदरसा की स्थापना की | इसके प्रमुख ( नाजिन ) मौलवी मुइज – उद – दीन थे| इस मदरसे में फ़ारसी , अरबी और मुस्लिम कानून पढ़ाया जाता था| इसके पश्चात् 1791 में बनारस में जोनाथन डंकन ने एक संस्कृत विश्वविधालय की स्थापना की, जिसका उद्देश्य हिंदुओं के धर्म, साहित्य और कानून का अध्ययन करना था|

 

आधुनिक भारत में शिक्षा प्रणाली की नींव

भारत में आधुनिक शिक्षा प्रणाली की नींव 1835ई के मैकाले के स्मरण-पत्र से पड़ी| मैकाले ने भारतीय रीति-रिवाजों के लिए अपना तिरस्कार इन शब्दों में व्यक्त किया- यूरोप के एक अच्छे पुस्तकालय की एक आलमारी का एक कक्ष, भारत और अरब के समस्त साहित्य से अधिक मूल्यवान हैं|

लॉर्ड विलियम बेंटिक के काल में 7 मार्च 1835 के प्रस्ताव द्वारा मैकाले का दृष्टिकोड अपना लिया गया| गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम केवेंडिश बेंटिंक (1828-35ई) के शासनकाल में 7 मार्च 1835 को लॉर्ड मैकाले के प्रस्ताव को स्वीकृत कर भारत में अंग्रेजी को उच्च शिक्षा का माध्यम मान लिया गया| 

भारत में अंग्रेजी शिक्षा का मैग्नाकार्टा कहे जाने वाले चार्ल्स वुड के डिस्पैच को आधार बनाकर लंदन विश्वविधालय की तर्ज पर ब्रिटिश भारत में तीन विश्वविधालय कलकत्ता, मद्रास एवं बंबई की स्थापना 1857ई में की गयी थी|

वॉरेन हेस्टिंग के कल में चार्ल्स विल्किंस ने भगवदगीता का प्रथम आंग्ल अनुवाद किया, जिसकी प्रस्तावना स्वयं वॉरेन हेस्टिंग ने लिखी| चार्ल्स विल्किंस ने फ़ारसी तथा बांग्ला मुद्रण के लिए ढलाई के अक्षरों का आविष्कार किया| सर विलियम जोंस वॉरेन हेस्टिंग के समय कलकत्ता उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए| इनकी प्रेरणा पर 1784 ई में एशियाटिक सोसायटी की स्थापना हुई एवं ये स्वयं इसके सभापति नियुक्त हुए|

इस संस्था ने एशियाटिक रिसर्चेस नामक प्रत्रिका के माध्यम से भारत के अतीत को प्रकाश में लाने का कार्य किया| इसी क्रम में इन्होने 1789 ई में कालिदास द्वारा रचित अभिज्ञानशाकुंतलम का अंग्रेजी में अनुवाद किया और इसके पांच संस्करण प्रकाशित किए|

 

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सैडलर आयोग

सैडलर आयोग शिक्षा से संबंधित था| वर्ष 1917 में सरकार ने कलकत्ता विश्वविद्यालय की संभावनाओं के अध्धयन तथा रिपोर्ट के लिए एक आयोग नियुक्त किया| डॉ एम ई सैडलर , जो लिड्स विश्वविद्यालय के कुलपति थे, इस आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किये गए|  इस आयोग के दो भारतीय सदस्य डॉ आशुतोष मुखर्जी और डॉ जियाउद्दीन अहमद भी थे|

इस आयोग को कलकत्ता विश्वविद्यालय की शिक्षा पर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया था| इस आयोग का मत था की यदि विश्वविद्यालय शिक्षा का सुधार करना हैं| तो माध्यमिक शिक्षा का सुधार आवश्यक हैं|

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प्रथम महिला विश्वविद्यालय 

डी के कर्वे के प्रयत्नों से बंबई में प्रथम महिला विश्वविद्यालय की स्थापना हुई| ये महाराष्ट्र के समाज सुधारक एवं सामाजिक कार्यकर्त्ता थे| इन्होनें विधवाओं के उत्थान के लिए विधवा विवाह प्रतिबंध निवारक मंडली की भी स्थापना की थी| 1896ई में डी के कर्वे ने पूना में विधवा गृह की स्थापना की| इन्होंने स्वयं एक विधवा ब्राह्मणी से विवाह किया था| 1958 में इन्हे भारत रत्न प्रदान किया गया|

Note:- राजा राममोहन राय आधुनिक शिक्षा के सबसे प्रारंभिक प्रचारकों में से एक थे|

शिक्षण संस्थानों की स्थापना

1817ई में इन्होंने डेविड हेयर एवं एलेक्जेंडर डफ के साथ मिलकर कलकत्ता में प्रसिद्ध हिंदू कालेज की स्थापना की थी| 1875ई में मेयो कॉलेज की स्थापना अजमेर में हुई थी| मुस्लिम एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना 1875ई में अलीगढ़ में हुई| तथा 1824ई में दिल्ली कॉलेज की स्थापना हुई|

भारतीय विश्वविद्यालयों में धार्मिक शिक्षा के लिए मदन मोहन मालवीय ने प्रबल रूप से वकालत की थी| इन्होनें वर्ष 1916ई में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की और वर्ष 1919 से 1939 तक इसके कुलपति रहे| इन्होनें ‘हिंदुस्तान’ , ‘दि इंडियन यूनियन’, ‘अभ्युदय’ तथा ‘मर्यादा’ नामक ‘पत्र-पत्रिकाएं’ प्रकाशित की|

शिक्षा की प्रगति में हंटर कमीशन आयोग

1882 ई में रिपन के काल में प्राथमिक एंव माध्यमिक शिक्षा को दो भागों में विभाजित करने , महिला शिक्षा को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई| इसके प्रमुख सुझाव निम्न थे|

  1. प्राथमिक शिक्षा पर विशेष ध्यान , शिक्षा स्थानीय भाषा व उपयोगी विषयों में हो| प्राथमिक स्कूलों का नियंत्रण जिला और नगर दोनों को दिया जाये|
  2. माध्यमिक शिक्षा के दो खंड हो , एक में साहित्यिक शिक्षा हो जो विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा के लिए विद्यार्थी तैयार करें| दूसरा व्यवसायिक व व्यापारिक जीवन की शिक्षा दी जाये|
  3. इस आयोग के सुझावों पर प्रांतीय सरकारों ने कार्य किया और अगलर 20 वर्षों में माध्यमिक और कॉलेज शिक्षा का अभूतपूर्व विस्तार हुआ|
  4. 1882 ई में पंजाब और 1887 ई में इलाहबाद विश्वविद्यालय स्थापित किए गए|

मूल शिक्षा की वर्धा योजना

1937 में गाँधीजी ने अपने पत्र हरिजन में शिक्षा पर लेख प्रकाशित किए और अक्टूबर 1937 ई में अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन में गाँधीजी ने बुनियादी शिक्षा (Basic Education) की वर्धा योजना प्रस्तुत की| इसके लिए जाकिर हुसैन समिति बनाई गई| वर्धा योजना का मूलभूत सिद्धांत यह था की सात साल तक के बच्चों को मातृभाषा में निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा दी जाये| तथा द्वितीय विश्व युद्ध आरम्भ होने के कारण वर्धा योजना लागू नहीं हो सकी|

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FAQ

Q.1 भारत में अंग्रेजी शिक्षा का जन्मदाता किसे माना जाता हैं?

Ans भारत में अंग्रेजी शिक्षा का जन्मदाता लॉर्ड मैकाले को माना जाता हैं|

Q.2 भारत में शिक्षा के विकास के लिए किस अधिनियम के द्वारा सबसे पहले भारत में शिक्षा पर 1 लाख रुपए दिए गए थे?

Ans 1813 के चार्टर अधिनियम के तहत कंपनी ने पहली बार शिक्षा के प्रति सरकारी उत्तरदायित्व उठाया| प्रति वर्ष 1 लाख रुपए शिक्षा पर kharch करने की व्यवस्था की|

 

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