भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना दिसंबर, 1885 में बॉम्बे में की गई थी।
इसके प्रारंभिक नेतृत्त्वकर्त्ताओं में दादाभाई नौरोजी, फिरोजशाह मेहता, बदरुद्दीन तैयबजी, डब्ल्यू.सी. बनर्जी, सुरेन्द्रनाथ बनर्जी, रोमेश चंद्र दत्त, एस. सुब्रमण्य अय्यर शामिल थे। प्रारंभ में इसके कई नेतृत्त्वकर्त्ता बंबई और कलकत्ता से संबंधित थे।
🔸एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी, ए.ओ. ह्यूम ने विभिन्न क्षेत्रों के भारतीयों को एक साथ लाने में भी भूमिका निभाई।
भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस का गठन राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रयास था।
🔸देश के सभी क्षेत्रों तक पहुँच स्थापित करने के लिये विभिन्न क्षेत्रों में कांग्रेस के सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
अधिवेशन का अध्यक्ष उसी क्षेत्र से चुना जाता था, जहाँ कि कांग्रेस के अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा हो।
विभिन्न सत्र:
1st अधिवेशन – वर्ष 1885 में बॉम्बे में आयोजित।
अध्यक्ष: डब्ल्यू.सी. बनर्जी
2nd अधिवेशन – वर्ष 1886 में कलकत्ता में आयोजित। अध्यक्ष: दादाभाई नौरोजी
3rd अधिवेशन – वर्ष 1887 में मद्रास में आयोजित। अध्यक्ष: सैयद बदरुद्दीन तैय्यबजी (पहले मुस्लिम अध्यक्ष)
4th अधिवेशन – वर्ष 1888 में इलाहाबाद में आयोजित।
अध्यक्ष – जॉर्ज यूल, पहले अंग्रेज़ अध्यक्ष
5वां अधिवेशन – वर्ष 1896 कलकत्ता।
अध्यक्ष: रहीमतुल्ला सयानी
रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा पहली बार राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ गाया गया।
6वां अधिवेशन – 1899 लखनऊ।
अध्यक्ष: रमेश चंद्र दत्त।
भू-राजस्व के स्थायी निर्धारण की मांग।
7वां अधिवेशन – 1901 कलकत्ता।
अध्यक्ष: दिनशॉ ई. वाचा।
🔸पहली बार गांधीजी कॉन्ग्रेस के मंच पर दिखाई दिये।
8वां अधिवेशन – 1905 बनारस।
अध्यक्ष: गोपाल कृष्ण गोखले
🔸सरकार के खिलाफ स्वदेशी आंदोलन की औपचारिक घोषणा।
9वां अधिवेशन – वर्ष 1906कलकत्ता।
अध्यक्ष: दादाभाई नौरोजी
🔸इसमें चार प्रस्तावों को अपनाया गया: स्वराज (स्व सरकार), बहिष्कार आंदोलन, स्वदेशी और राष्ट्रीय शिक्षा।
10वां अधिवेशन – वर्ष 1907 सूरत।
अध्यक्ष: रास बिहारी घोष
🔸कांग्रेस का विभाजन- नरमपंथी और गरमपंथी
🔸सत्र का स्थगित होना।
11वां अधिवेशन – वर्ष 1910 इलाहाबाद।
अध्यक्ष: सर विलियम वेडरबर्न
🔸एम.ए. जिन्ना ने 1909 के अधिनियम द्वारा शुरू की गई पृथक निर्वाचन प्रणाली की निंदा की।
12वां अधिवेशन – वर्ष 1911 कलकत्ता।
अध्यक्ष: बी.एन. धर
🔸कांग्रेस अधिवेशन में पहली बार जन-गण-मन गाया गया।
13वां अधिवेशन – वर्ष 1915 बॉम्बे।
अध्यक्ष: सर एस.पी. सिन्हा
🔸चरमपंथी समूह के प्रतिनिधियों को स्वीकार करने के लिये कांग्रेस के संविधान में बदलाव किया गया।
14वां अधिवेशन – वर्ष 1916 लखनऊ। अध्यक्ष: ए.सी. मजूमदार
🔸कांग्रेस के दो गुटों- नरमपंथियों और अतिवादियों के बीच एकता।
🔸कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच राजनीतिक सहमति बनाने के लिये लखनऊ पैक्ट पर हस्ताक्षर किये गए।
15वां अधिवेशन – वर्ष 1917 कलकत्ता।
अध्यक्ष: एनी बेसेंट (कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष)
16वां अधिवेशन – वर्ष 1918 (विशेष सत्र) बॉम्बे।
अध्यक्ष: सैयद हसन इमाम
🔸इस सत्र को विवादास्पद मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार योजना के संबंध में बुलाया गया था।
17वां अधिवेशन – वर्ष 1919 अमृतसर।
अध्यक्ष: मोतीलाल नेहरू
🔸कांग्रेस ने खिलाफत आंदोलन को समर्थन दिया।
18वां अधिवेशन – वर्ष 1920 (विशेष सत्र) कलकत्ता। अध्यक्ष: लाला लाजपत राय
🔸महात्मा गांधी ने असहयोग संकल्प को आगे बढ़ाया।
19वां अधिवेशन – वर्ष 1920 नागपुर।
अध्यक्ष: सी. विजयराघवाचार्य
🔸भाषायी आधार पर कांग्रेस की कार्य समितियों का पुनर्गठन।
20वां अधिवेशन – वर्ष 1922 गया।
अध्यक्ष: सी.आर. दास
🔸सी.आर. दास और अन्य नेता INC से अलग हो गए।
🔸स्वराज पार्टी का गठन।
21वां अधिवेशन – वर्ष 1924 बेलगाम।
अध्यक्ष: एम.के. गांधी
🔸महात्मा गांधी की अध्यक्षता में आयोजित केवल एक सत्र।
22वां अधिवेशन – वर्ष 1925 कानपुर।
अध्यक्ष: सरोजिनी नायडू ( पहली भारतीय महिला अध्यक्ष।)
23वां अधिवेशन – वर्ष 1927 मद्रास।
अध्यक्ष: डॉ. एम.ए. अंसारी
🔸चीन, ईरान और मेसोपोटामिया में भारतीयों को इस्तेमाल किये जाने के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया।
🔸साइमन कमीशन के बहिष्कार के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया।
🔸पूर्ण स्वराज पर संकल्प को अपनाया।
24वां अधिवेशन – वर्ष 1928 कलकत्ता।
अध्यक्ष: मोतीलाल नेहरू
🔸अखिल भारतीय युवा कांग्रेस का गठन।
25वां अधिवेशन – वर्ष 1929 लाहौर।
अध्यक्ष: जवाहर लाल नेहरू
🔸’पूर्ण स्वराज’ पर प्रस्ताव पारित किया।
🔸पूर्ण स्वतंत्रता के लिये सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया जाना।
🔸26 जनवरी को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाए जाने की घोषणा।
26वां अधिवेशन – वर्ष 1931 कराची। अध्यक्ष: वल्लभभाई पटेल
🔸मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रम पर संकल्प।
🔸गांधी-इरविन समझौते का समर्थन।
🔸महात्मा गांधी लंदन में होने वाले दूसरे गोलमेज सम्मेलन में INC का प्रतिनिधित्व करने के लिये नामांकित।
27वां अधिवेशन – वर्ष 1934 बॉम्बे।
अध्यक्ष: राजेंद्र प्रसाद
🔸कांग्रेस के संविधान में संशोधन।
28वां अधिवेशन – वर्ष 1936 लखनऊ।
अध्यक्ष: जवाहर लाल नेहरू
🔸जवाहर लाल नेहरू द्वारा समाजवादी विचारों को प्रोत्साहन दिया जाना।
29वां अधिवेशन – वर्ष 1937 फैजपुर।
अध्यक्ष: जवाहर लाल नेहरू
🔸किसी गाँव में होने वाला पहला अधिवेशन।
30वां अधिवेशन – वर्ष 1938 हरिपुरा।
अध्यक्ष: सुभाष चंद्र बोस
🔸जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्त्व में राष्ट्रीय योजना समिति की स्थापना।
31वां अधिवेशन – वर्ष 1939: त्रिपुरी।
अध्यक्ष: राजेंद्र प्रसाद
🔸सुभाष चंद्र बोस को फिर से चुना गया लेकिन उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
🔸उनकी जगह राजेंद्र प्रसाद को नियुक्त किया गया था।
🔸सुभाष चंद्र बोस ने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया।
32वां अधिवेशन – वर्ष 1940: रामगढ़।
अध्यक्ष : राष्ट्रपति अबुल कलाम आज़ाद
🔸वर्ष 1941–45: यह अवधि विभिन्न घटनाओं अर्थात्- भारत छोड़ो आंदोलन, आरआईएन म्युटिनी और आईएनए द्वारा प्रभावित।
🔸क्रिप्स मिशन, वेवेल योजना और कैबिनेट मिशन जैसी संवैधानिक वार्ताओं का चरण।
🔸इस चरण के दौरान इन घटनाओं के कारण कॉन्ग्रेस का कोई अधिवेशन नहीं हुआ।
33वां अधिवेशन – वर्ष 1946: मेरठ।
अध्यक्ष: जेबी कृपलानी
🔸आज़ादी से पहले का आखिरी सत्र।
🔸जे.बी. कृपलानी स्वतंत्रता के समय INC के अध्यक्ष थे।
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