भारत के प्रमुख मंदिर

◾️वेंकटेश्वर मंदिर

Table of Contents

पहाड़ियों का मंदिर

आंध्र प्रदेश के जिले चित्तूर में तिरुपति

समर्पित भगवान श्री वेंकटेश्वर (विष्णु के अवतार)

तमिल शासक, राजा तोंडाइमान बाद में चोल वंश के राजाओं द्वारा विकसित किया गया|

🔸 दान और धन संपत्ति के संदर्भ में विश्व का सबसे समृद्ध मंदिर है माना जाता है कि भगवान स्वयं इस स्थान पर प्रकट हुए थे| इसी कारण इसे स्वयं व्यक्त  विग्रह कहा जाता है|

 ◾️वराह लक्ष्मी नरसिंह मंदिर

इसे सिंहचलम मंदिर भी कहा जाता है, क्योंकि यह आंध्रप्रदेश में सिंहचलम पहाड़ी पर स्थित हैं|

🔸 यह मंदिर भगवान वराह नरसिम्ह को समर्पित है अक्षय तृतीय को  छोड़कर वराह नरसिंह की मूर्ति वर्षपर्यंत चंदन के लेप से ढकी रहती है, जिससे यह मूर्ति शिव लिंगम के समान  प्रतीत है|

 ◾️श्री भ्रमाराम्भा मल्लिकार्जुन मंदिर

यह मंदिर श्रीशैलम आंध्र प्रदेश में स्थित है तथा यह मंदिर भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है

🔸इस मंदिर से सातवाहन वंश का अभिलेखिय प्रमाण प्राप्त हुआ है| विजयनगर साम्राज्य के राजा हरिहर के शासनकाल के दौरान आधुनिक परिवर्तन किया गया|

🔸 यह मंदिर शैववाद और शक्तिवाद दोनों संप्रदायों के लिए महत्वपूर्ण है| यह मंदिर ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ दोनों रूप में सम्मानीय है|

🔸यहां देवता की चमेली फूल (स्थानीय नाम  : मल्लिका)  से पूजा की जाती है, जिससे मुख्य देवता को मल्लिकार्जुन के रूप में जाना जाता है|

◾️ सूर्यनारायाण मंदिर

🔸इस मंदिर को अरसावल्ली सूर्य मंदिर भी कहा जाता है, यह मंदिर आंध्र प्रदेश में स्थित है, यह मंदिर सूर्य देवता को समर्पित है|

🔸स्थानीय शासक देवेंद्र शर्मा द्वारा सातवीं सदी में निर्मित किया गया था दिन के प्रारंभिक पहर में सूर्य का प्रकाश भगवान के पैरों को निर्देशित करने के लिए बनाया गया था|

◾️ श्री रंगनाथस्वामी मंदिर

🔸 यह मंदिर आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में स्थित है भगवान  रंगनाथ (भगवान विष्णु का विश्राम करने वाला रूप)| इस मंदिर का निर्माण 12 वीं सदी में किया गया था|

🔸मंदिर के मुख्य द्वार से पहले एक विशाल मीनार है, जिसे गालिगोपुरम कहा जाता है, जिसका अर्थ ‘पवन मीनार’ है जो लगभग 70 फीट ऊंचा है|

◾️ वीरभद्र मंदिर

🔸 यह मंदिर आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में लेपाक्षी में स्थित है यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है|

🔸विरूपन्ना नायक और वीरन्ना द्वारा 1530 में निर्मित कराया गया था दोनों भाई विजयनगर साम्राज्य के अधीन राज्यपाल थे|

यह मंदिर विजयनगर वास्तुशैली का है, दीवारों और छतों पर भित्ति चित्र है|

◾️मालिनीथन मंदिर

🔸 यह मंदिर अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित है| यह  मंदिर शक्ति रूप में देवी दुर्गा को समर्पित है इसका निर्माण 14-15 वीं सदी में किया गया था|

🔸इस क्षेत्र में आर्य प्रभाव स्वरूप मंदिर ग्रेनाइट पत्थरों से बनवाया गया|

 ◾️कामाख्या मंदिर या कामरूप कामाख्या

◾️यह मंदिर असम के गुवाहाटी में नीलांचल पहाड़ियों पर स्थित है यह मंदिर माता कामाख्या को समर्पित है,  इसका निर्माण 8 वीं से 17वीं सदी के बीच हुआ|

🔸51 शक्तिपीठों में सबसे पुराने शक्तिपीठों में से एक है|विशेष तौर पर यह तांत्रिक पाठकों के लिए महत्वपूर्ण स्थान है|

 ◾️उमानंद देवलोई मंदिर

🔸यह मंदिर असम के गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी पर पीकॉक द्वीप पर स्थित है तथा यह मंदिर उमानंद अर्थात शिव को समर्पित है|अहोम राजा गदाधर सिंह द्वारा (1681-1696)द्वारा निर्मित कराया गया था|

◾️ नवग्रह मंदिर

🔸यह मंदिर असम के गुवाहाटी में चित्रसाल पहाड़ी पर स्थित है यह नवग्रह को समर्पित है|

🔸18वीं सदी के उत्तरार्द्ध में अहोम  राजा राजेश्वर सिंह द्वारा निर्मित कराया गया था | यह मंदिर 9 प्रमुख खगोलीय पिंडों का मंदिर है|

◾️नेघोरितिंग शिव देउल मंदिर

🔸 यह मंदिर असम के देरगांव में स्थित है यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है|

🔸इस मंदिर का निर्माण 8वीं – 9वीं सदी के दौरान हुआ था|1687 में अहोम राजा ने पूनानिर्मित  करवाया था| मंदिर का प्रमुख आकर्षण यहां रहने वाले रीसस बंदर|

◾️हथग्रीव माधव मंदिर

कुछ इतिहासकारों के अनुसार पाल वंश के राजा ने इसका निर्माण करवाया था कुछ बौद्धों का मानना है कि बुद्ध ने इसी स्थान पर निर्वाण प्राप्त किया था| यह मंदिर हिंदू और बौद्ध धर्म  दोनों से संबंधित है|

 ◾️मुंडेश्वरी देवी मंदिर

🔸 यह मंदिर बिहार के कैमूर जिले की कोर में स्थित है यह भगवान शिव और शक्ति को समर्पित है, इसका निर्माण 105 ई. में हुआ था|

🔸 पाषाण निर्मित यह मंदिर दुर्लभ अष्टकोणीय योजना पर आधारित है बिहार में मंदिर वास्तुकला की नागर शैली का सबसे पुराना नमूना हैं|

 ◾️सोमनाथ मंदिर

🔸मंदिर गुजरात के वेरवाल में स्थित है यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है पहला मंदिर किसी अज्ञात द्वारा जबकि दूसरा मंदिर 649ई. में निर्मित हुआ|

🔸इस मंदिर को 12 ज्योतिर्लिंगों में पहला माना जाता है | इतिहास में इस मंदिर को कई बार लूटा और नष्ट किया गया| वर्तमान मंदिर चालुक्य मंदिर वास्तुकला शैली में निर्मित है|

 ◾️द्वारकाधीश मंदिर

🔸द्वारकाधीश मंदिर गुजरात के द्वारका में स्थित है यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है लगभग 2200 वर्ष पुराना मंदिर है|

🔸पुष्टिमार्ग संप्रदाय का मंदिर है यह चार धाम तीर्थ स्थानों में से एक है| तीन अन्य बद्रीनाथ, पुरी और रामेश्वरम हैं|

◾️बहुचरा माता मंदिर

🔸यह मंदिर गुजरात के मेहसाना जिले में बुहुचराजी शहर में स्थित है यह बहुचर माता को समर्पित है 1783 ई. में इसका निर्माण हुआ था|यह मंदिर किन्नर समुदाय का संरक्षक है|

◾️ नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर

यह मंदिर गुजरात के देवभूमि द्वारका में स्थित है यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है|

◾️मोढेरा का शिव मंदिर

🔸यह मंदिर गुजरात के मोढेरा में स्थित है यह मंदिर सूर्य देव को समर्पित है|चालुक्य वंश की भीम प्रथम के शासनकाल 1026-27 में निर्मित हुआ था|

🔸इसी मारु- गुर्जर शैली में बनवाया गया था| वर्तमान में यहां कोई पूजा नहीं की जाती हैं|

◾️भोरमदेव  मंदिर

🔸यह मंदिर छत्तीसगढ़ के चौरा गांव में स्थित है तथा 1089 ई. में इसे निर्मित किया गया था|

🔸यहां की कामविषयक मूर्तियों में खजुराहो मंदिर और ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर की भांति विशिष्ट शैली प्रदान की है, इसलिए इस मंदिर को छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहा जाता है|

 ◾️दन्तेश्वरी मंदिर

🔸 यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के दंतेवाड़ा में स्थित है तथा देवी दंतेश्वरी को समर्पित है इसका निर्माण 14वीं सदी में हुआ था|

🔸51 शक्तिपीठों में से एक, माना जाता है कि यह  मंदिर उस स्थान पर बनवाया गया है,जहां पर सती का दांत गिरा था|

◾️ महामाया मंदिर

🔸यह मंदिर छत्तीसगढ़ के रतनपुर में स्थित है तथा यह मंदिर देवी लक्ष्मी और सरस्वती को समर्पित है|

🔸 रत्नपुरा के कलचुरी राजा रत्न देव के शासनकाल के दौरान 12- 13वीं सदी में निर्मित हुआ|यह भी 51 शक्तिपीठों में से एक है| प्रत्येक शक्ति पीठ में शक्ति और भैरव का एक मंदिर होता है|

 ◾️ज्वालामुखी देवी का मंदिर

🔸यह हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है| यह देवी ज्वालामुखी को समर्पित है|

◾️ बाबा बालकनाथ मंदिर

यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में स्थित है कलयुग में भगवान शिव का अवतार माना जाता है महिलाओं को गर्भग्रह में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है|

 ◾️बैजनाथ मंदिर

बैजनाथ मंदिर झारखंड में स्थित है यह भगवान शिव को समर्पित है यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है|

 ◾️दुर्गा मंदिर

यह मंदिर कर्नाटक के ऐहोल में स्थित है चालुक्य वंश द्वारा 7वीं – 8वीं सदी में निर्मित करवाया गया था| इस मंदिर की आकृति हाथी की पीठ से मिलती -जुलती है|

◾️वीरुपाक्ष मंदिर

यह मंदिर कर्नाटक के हम्पी में स्थित है यह भगवान शिव का एक रूप है विजयनगर साम्राज्य द्वारा निर्मित करवाया गया था|

हम्पी में स्मारकों  के समूह के अंतर्गत यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल के रूप में नामित हैं|पट्टदकल में एक और विरुपाक्ष मंदिर है|

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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