भारत की प्रमुख जनजातियां

भारत की जनजातियां जनगणना 2011

🔸2011 की जनगणना के अनुसार भारत में जनजातियों की कुल संख्या 10,42,81,034 हैं| जो भारत की कुल जनसंख्या का 8.6% है|

🔸जिसमें ग्रामीण जनसंख्या 11.3% जबकि शहरी जनसंख्या 2.8% है|भारत में जनजातियों का लिंगानुपात 990 है|

🔸जिसमें सर्वाधिक लिंगानुपात गोवा (1046) तथा सबसे कम जम्मू कश्मीर (924) का है| दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब , हरियाणा एवं पुडुचेरी में ST (अनुसूचित जनजाति) नहीं पाई जाती है|

जनजाति क्या है?

🔸जनजाति एक ऐसा सामाजिक समूह है जो एक क्षेत्र विशेष से जुड़ा होता है और अपने इस समूह में विवाह करता है| अपनी मान्यताओं पर बहुत कठोर होते हैं|

🔸तथा अपनी परंपराओं के अनुसार ही कार्य करते हैं|लिंग पर आधारित श्रम विभाजन के अतिरिक्त अन्य श्रम विभाजन नहीं करता

  • तथा वंशानुगत तथा अन्य प्रकार की जनजाति समूह से प्रभावित होता है| इसके प्रत्येक समूह की अलग-अलग भाषा होती है|

🔸जनजाति समूह अपनी संस्कृति एवं क्षेत्रीय संगठनों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं| भारत के संविधान में अनुसूचित जनजाति कहा गया है |

🔸किंतु भारतीय संविधान में अनुसूचित जनजाति को परिभाषित नहीं किया गया है|

भारत की प्रमुख जनजातियां एवं विशेषता

शीर्ष अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाले राज्य —- महाराष्ट्र ,उड़ीसा , राजस्थान , गुजरात

 

प्रतिशत की दृष्टि से शीर्ष अनुसूचित जनजाति वाले राज्य या केंद्र शासित प्रदेश —– लक्ष्यदीप, मिजोरम,  नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश

महत्वपूर्ण जनजातियां —-

1. भील जनजाति

🔸भील शब्द का अर्थ ‘धनुष’ होता है जिसकी उत्पत्ति द्रविड़ के ‘बिल’ से हुआ है यह भारत की सबसे बड़ी जनजाति है यह  भारत की एक प्रमुख जनजाति है|

🔸यह मुख्यत: राजस्थान, आंध्र प्रदेश , छत्तीसगढ़,  गुजरात महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं त्रिपुरा राज्य में पाई जाती हैं|

🔸भील जनजाति द्रविड़ परिवार ( दक्षिण में रहने वाले लोग ) की जनजाति है|

🔸इनकी भाषा गोंडी है|इनके मुख्य देवता बूढ़ादेव,  दूल्हादेव, बुड्डापेन है| इन जनजातियों का भूत प्रेत और जादू टोना में अत्यधिक विश्वास होता है|

2. गोंड जनजाति

🔸यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति है जो भारत के लगभग 13 राज्यों में निवास करती है|

🔸यह जनजातियां मुख्य रूप से छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश,  उड़ीसा तथा आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में निवास करती है|

3. संथाल जनजाति

संथाल जनजाति के लोग कुशल कृषक एवं उत्तम शिकारी होते हैं| यह भारत में पाई जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी जनजाति है|

संथाल जनजाति की शारीरिक विशेषता नाटे कद एवं चौड़ी और चपटी नाक है| संथाल जनजाति का मूल निवास क्षेत्र झारखंड बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं असम राज्य में है|

4. मुंडा जनजाति

मुंडा जनजाति की भाषा ‘मुंडा’ है| यह भाषा ऑस्ट्रिक एक परिवार की भाषा है| जिसमें वन, पर्वत, पशुपालन संबंधित शब्द अत्यधिक होते हैं|

मुंडा जनजाति का प्रमुख त्योहार ‘सरहुल’ हैं | मुंडा जनजाति मुख्य रूप से झारखंड में निवास करती है लेकिन इसका कुछ हिस्सा बिहार, पश्चिम बंगाल एवं उड़ीसा आदि राज्यों में निवास करते हैं|

5. बोडो जनजाति

बोडो जनजाति मूल रूप से भारत के असम राज्य में निवास करती है| यह लोग बोडो भाषा बोलते हैं जो तिब्बत-वर्मा भाषा परिवार की एक शाखा है|

बोडो जनजाति समूह  कछोरी, गारो, मेच, डिमसा आदि कई जनजातियों से मिलकर बना है| बोडो जनजाति को भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत रखा गया है|

6. थारू जनजाति

थारू जनजाति में उत्तर प्रदेश के सीमा से लगे नेपाल तथा उत्तराखंड के उधम सिंह नगर क्षेत्र में मुख्य रूप से निवास करती है|

थारू जनजाति हिंदू धर्म को मानते हैं तथा हिंदुओं के सभी त्यौहार को मानते हैं| थारू जनजाति दीपावली को शोक पर्व के रूप में मनाते थे|लेकिन वर्तमान में दीपावली को शोक पर्व के रूप में नहीं मनाते हैं |

7. भोटिया जनजाति

भोटिया जनजाति की अधिकांश लोग पर्वतीय स्थानों पर निवास करते हैं इनका केंद्र उत्तरी क्षेत्र मुख्यता हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा सिक्किम राज्य में है|

भोटिया जनजाति आर्थिक शैक्षणिक एवं सामाजिक रूप से  जनजाति की अपेक्षा पिछड़ी हुई है| भोटिया जनजाति ऋतु प्रवास हेतु प्रसिद्ध है|

8. नागा जनजाति

🔸नागा जनजाति भारत के नागालैंड राज्य में मुख्य रूप से निवास करती है, इसके अतिरिक्त पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी निवास करती है| नागा लोग कुशल जोधा होते हैं, एवं भाला इनका प्रमुख अस्त्र है इनका प्रमुख त्योहार मिथन है|

🔸नागा जनजाति ने नागिनी सिनेमा की एक अलग भाषा का विकास किया है जो विभिन्न नागा एवं असमिया भाषा का मिश्रित रूप है|

9. मीणा जनजाति

🔸मीणा जनजाति राजस्थान में जनसंख्या की दृष्टि से प्रथम स्थान है, यह राजस्थान के लगभग सभी जिलों में निवास करती है|

🔸मीणा शब्द की उत्पत्ति शब्द से हुई है जिसका अर्थ ‘ मछली ‘ होता है|मीणा जाति अपनी उत्पत्ति विष्णु के 10 वें अवतार से मानती है|

10. टोडा जनजाति

🔸टोडा जनजाति पशुपालन का काम करती है| नीलगिरी की पहाड़ियों (दक्षिण भारत) पर निवास करती है|

🔸टोडा जनजाति में मुख्य प्रचलित भाषा ‘ टोडा ‘है, यह लोग समूह में निवास करते हैं टोडा जनजाति में कन्या बदध प्रथा के कारण बहुपति विवाह प्रथा प्रचलित हैं|

भारत की जनजातियां

बिहार-  थारू, उरांव, खरवार, संथाल,  गोंड, बिरहोर, कोल कोरबा,  कोरा,  हो,  आदि जनजातियां पायी जाती हैं|

उत्तरप्रदेश – जौनसारी, थारू, गोंडा, सहरिया, खरवार, बुक्सा, पतरी आदि|

उत्तराखंड – जौनपूरी, थारू, बुस्का, भोटिया, राजी|

आंध्र प्रदेश बंजारा, लबांडा, सुगली, कुबी, बगात, सवारा, चेंचू, बकला आदि |

छत्तीसगढ़ –  अगरिया, गोंड , मुंडिया , बैंगा, कोरकू, सहरिया, परजा, परधान आदि |

मध्य प्रदेश  भीम, गोंड, अगरिया, बिंझवार, खरवार, कोल, कोरकू, सहरिया, ओझा, बैंगा आदि|

राजस्थान- मीणा, भील, कोकना, गर्सीया, थारी, पटेलिया, सहरिया आदि |

झारखण्ड – संथाल, मुंडा,  हो, उरांव, बिरहोर, कोरवा, बैगा, नागेसिया, असुर आदि |

हिमांचल प्रदेश –  गद्दी , ग़ुज्जर, भोटिया, बेदा, लंबा,  खंपा, डोंबा,  गारा , किन्नौर आदि |

गुजरात – भील , बरदा, कोली, डबरा , खारी, चारण, रथवा |

अरुणाचल प्रदेश – अबोर, दफला, अपातामी, खोवा, गालो, मोंबा, मिस्मी |

मिजोरम – मिजो, पावी, लाखर, चकमा|

त्रिपुरा – रियांग, त्रिपुरी, जमातिया, चकमा |

ओडिसा – खोंड, कोल्हा, गोंड, मुंडा, बोंडा, महाली, संथाल, मुआंग, खरिया, डोंगरिया , कोंध |

पश्चिम बंगाल – संथाल, उरांव, भूमजी, मुंडा, लोधा |

केरल – पनियान, मवियान, नायर, दाफर, उराली, चेंचू , मोपला, सुमली, इरुल|

अंडमान एवं निकोबार – अंडमानी, सेंटलिज, जरवा, जारण, बैकडा, शोम्पेन, येरे, कोरा, ताबु |

लक्ष्यद्वीप – वासी जनजाति|

पुदुचेरी – इरुलुर जनजाति |

सिक्किम – भोटिया, लिम्बु, लेपचा , तमांग |

नागालैंड – नागा, कोन्याक, अंगामी |

असम बोरो, मिरि, कर्बी,  राभा , कछारी, सोनवाल, लुसाई |

मणिपुर – कुकी, तांगखुल, थाडो, नागा, मैठी|

मेघालय गारो, खासी, जयंतीयां, भोई , मिहिर|

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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