भारत-ऑस्ट्रेलिया अंतरिम व्यापार समझौता

हाल ही में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने घोषणा की है कि वे मार्च 2022 में एक अंतरिम व्यापार समझौता और उसके 12-18 महीने के पश्चात् एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA) करने हेतु तैयार हैं।

🔸यह समझौता ‘दोनों देशों के हित के अधिकांश क्षेत्रों’ को कवर करेगा, जिसमें वस्तुएँ, सेवाएँ, स्वच्छता और फाइटोसैनिटरी उपाय और सीमा शुल्क प्रक्रियाएँ शामिल हैं।

🔸इससे पूर्व भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने औपचारिक रूप से ‘सप्लाई चेन रेज़ीलिएंस इनीशिएटिव’ (SCRI) शुरू की है।

अंतरिम व्यापार समझौते का अर्थ:

🔸एक मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने से पूर्व पहले दो देशों या व्यापारिक ब्लॉकों के बीच कुछ सामानों के व्यापार पर टैरिफ को उदार बनाने हेतु एक अंतरिम या प्रारंभिक फसल व्यापार समझौते का उपयोग किया जाता है।

🔸अंतरिम समझौते सामरिक दृष्टिकोण से काफी महत्त्वपूर्ण होते हैं ताकि न्यूनतम प्रतिबद्धताओं के साथ एक बेहतर समझौता संपन्न किया जा सके और बाद में विवादास्पद मुद्दों को हल किया जा सके।

🔸 इन शुरुआती समझौतों के माध्यम से केवल कुछ ही आसान वस्तुओं एवं सेवाओं को लक्षित किया जाता है और अपेक्षाकृत कठिन वस्तुओं तथा सेवाओं को बाद के लिये छोड़ दिया जाता है, क्योंकि इन पर समझौता करना कठिन होता है।

🔸इस रणनीति के कारण एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौता करने में देरी हो सकती है, जिससे संभावित बाधाएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

🔸भारत ने वर्ष 2004 में थाईलैंड के साथ एक प्रारंभिक फसल समझौता किया था, लेकिन यह देश के साथ एक व्यापक एफटीए समाप्त करने में सक्षम नहीं है।

🔸यद्यपि भारत का श्रीलंका के साथ एक व्यापार समझौता है, परंतु दोनों देश यह सेवाओं तथा निवेश पर किसी भी प्रकार के समझौते को अंतिम रूप देने में विफल रहे हैं।

🔸प्रारंभिक कृषि समझौते जो पूर्ण पैमाने पर FTAs में खरे नही उतरते हैं और उन्हें उन अन्य देशों से कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जो विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सदस्य हैं।

🔸पूरे सौदे पर एक साथ बातचीत करना अक्सर फायदेमंद होता है, क्योंकि जल्दी फसल का सौदा एक पक्ष के लिये पूर्ण FTA की दिशा में काम करने हेतु प्रोत्साहन को कम कर सकता है।

मुक्त व्यापार समझौता (FTA):

🔸यह दो या दो से अधिक देशों के बीच आयात और निर्यात बाधाओं को कम करने हेतु किया गया एक समझौता है।

🔸एक मुक्त व्यापार नीति के तहत वस्तुओं और सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार खरीदा एवं बेचा जा सकता है, जिसके लिये बहुत कम या न्यून सरकारी शुल्क, कोटा तथा सब्सिडी जैसे प्रावधान किये जाते हैं।

🔸मुक्त व्यापार की अवधारणा व्यापार संरक्षणवाद या आर्थिक अलगाववाद (Economic Isolationism) के विपरीत है।

🔸FTAs को अधिमान्य व्यापार समझौता, व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता, व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।

वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत का व्यापार संबंध:

🔸वित्तीय वर्ष 2020-21 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 12.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था और वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 10 महीनों में 17.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर चुका है।

🔸भारत ने वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में ऑस्ट्रेलिया से लगभग 12.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात किया है और इसी अवधि में 5.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का माल निर्यात किया है।

🔸ऑस्ट्रेलिया से प्रमुख आयातों में कोयला, सोना और तरल प्राकृतिक गैस शामिल है, जबकि भारत से देश को प्रमुख निर्यात में डीज़ल, पेट्रोल और रत्न व आभूषण शामिल हैं।

समझौते से संबंधित अवसर:

🔸ऑस्ट्रेलिया के साथ समझौता से खनन, फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य, शिक्षा, नवीकरणीय, रेलवे, रत्न और आभूषण, पर्यटन, रक्षा तथा वस्त्र जैसे अन्य क्षेत्रों में भी अवसर प्राप्त होंगे।

🔸भारत, ऑस्ट्रेलिया से आने वाले छात्रों और पेशेवरों दोनों के लिये वीज़ा की प्रक्रिया को आसान कर सकता है।

🔸ऑस्ट्रेलिया द्वारा वाइन और कृषि उत्पादों हेतु बाज़ार उपलब्ध कराने की संभावना है।

🔸दोनों देश ऑस्ट्रेलिया में शिक्षा प्राप्त करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या बढ़ाने और दोनों देशों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये शैक्षिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता पर भी विचार कर रहे हैं।

🔸भारत और ऑस्ट्रेलिया ने दोनों देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।

🔸समझौते से दोनों देशों के बीच महत्त्वपूर्ण खनिजों और दुर्लभ मृदा तत्त्वों के लिये सहयोग किया जाएगा जो अक्षय ऊर्जा एवं इलेक्ट्रिक वाहनों सहित भविष्य के उद्योगों के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।

वर्तमान में भारत द्वारा अन्य मुक्त व्यापार समझौतों पर बातचीत:

🔸भारत वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के अलावा संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, कनाडा, यूरोपीय संघ और इज़रायल के साथ एफटीए पर बातचीत करने की प्रक्रिया में है।

🔸वर्ष 2022 की पहली छमाही में भारत संयुक्त अरब अमीरात और यूके के साथ अर्ली हार्वेस्ट अग्रीमेंट (Early Harvest Rgreement) भी पूरा करना चाहता है।

 

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