भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय बैठक

🔸हाल ही में एक द्विपक्षीय बैठक में भारत ने श्रीलंका को ‘एकात्मक डिजिटल पहचान फ्रेमवर्क’ को लागू करने के लिये अनुदान प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की है, जो मुख्य तौर पर ‘आधार कार्ड’ प्रणाली पर आधारित है।

दोनों पक्षों ने मछुआरों के मुद्दे पर भी चर्चा की और भारत ने श्रीलंका को 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान की।

🔸इससे पहले दोनों देश श्रीलंका के आर्थिक संकट को कम करने में मदद हेतु खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर चर्चा करने के लिये चार-आयामी दृष्टिकोण पर सहमत हुए थे।

परिचय:

🔸‘एकात्मक डिजिटल पहचान फ्रेमवर्क’ भारत की ‘आधार’ प्रणाली के समान है और इसके तहत श्रीलंका निम्नलिखित को प्रस्तुत करेगा:

🔸बायोमेट्रिक डेटा पर आधारित व्यक्तिगत पहचान सत्यापन उपकरण।

🔸डिजिटल उपकरण, जो साइबर स्पेस में व्यक्तियों की पहचान करते हों।

🔸‘व्यक्तिगत पहचान’ प्रणाली, जिसे दो उपकरणों के संयोजन से डिजिटल एवं भौतिक वातावरण में सटीक रूप से सत्यापित किया जा सकता है।

🔸श्रीलंका सरकार ने वर्ष 2011 की शुरुआत में भी इस परियोजना को शुरू करने की कोशिश की थी, हालाँकि यह परियोजना कभी लागू नहीं की गई।

भारत द्वारा श्रीलंका को प्रदान की गई आर्थिक सहायता:

🔸जनवरी 2022 से भारत द्वारा एक गंभीर डॉलर के संकट की चपेट में आए द्वीप राष्ट्र को महत्त्वपूर्ण आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे उपजे कई भय एक संप्रभु डिफाॅल्ट और आयात-निर्भर देश में आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी का कारण बन सकते हैं।

🔸इस वर्ष की शुरुआत से भारत द्वारा दी गई राहत 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है– 400 अमेरिकी डॉलर मुद्रा विनिमय, 500 अमेरिकी डॉलर ऋण आस्थगन और ईंधन आयात के लिये 500 अमेरिकी डॉलर लाइन ऑफ क्रेडिट।

🔸श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और इससे निपटने हेतु भारत से मदद के लिये 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता पर बातचीत कर रहा है।

◾️द्विपक्षीय संबंधों पर भारत का रुख क्या है?

🔸पारस्परिक रूप से लाभकारी परियोजनाओं को शीघ्रता से आगे बढ़ाना, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

🔸भारत और श्रीलंका के बीच हवाई व समुद्री संपर्क बढ़ाने का प्रस्ताव।

आर्थिक और निवेश पहल।

🔸श्रीलंका की ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने के लिये उठाए गए कदम।

🔸पड़ोसियों के “साझा समुद्री क्षेत्र को विभिन्न समकालीन खतरों से सुरक्षित रखना” और कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने में सहयोग करना।

भारत-श्रीलंका संबंध और विवाद:

🔸श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों की हत्या का मामला इन दोनों देशों के बीच एक पुराना मुद्दा है।

🔸वर्ष 2019 और 2020 में कुल 284 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया तथा कुल 53 भारतीय नौकाओं को श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा जब्त कर लिया गया।

🔸वर्तमान बैठक में दोनों देशों ने पाक जलडमरू और मत्स्य पालन पर चर्चा की|

  श्रीलंका का 13वाँ संविधान संशोधन:

🔸यह एक संयुक्त श्रीलंका के भीतर समानता, न्याय, शांति और सम्मान के लिये तमिल लोगों की उचित मांग को पूरा करने हेतु प्रांतीय परिषदों को आवश्यक शक्तियों के हस्तांतरण की परिकल्पना करता है।

आगामी योजना

🔸भारत और श्रीलंका के बीच ज़मीनी स्तर पर विश्वास की कमी है, फिर भी दोनों देश आपसी संबंधों को खराब करने के पक्ष में नहीं हैं।

🔸हालाँकि एक बड़े देश के रूप में भारत पर श्रीलंका को साथ ले चलने की ज़िम्मेदारी है। भारत को धैर्य रखने की ज़रूरत है और किसी भी तनाव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने से बचना चाहिये तथा श्रीलंका (विशेष रूप से उच्चतम स्तर पर) को और अधिक नियमित रूप से एवं बारीकी से इस कार्य में संलग्न करना चाहिये।

🔸कोलंबो के घरेलू मामलों में किसी भी तरह के हस्तक्षेप से दूर रहते हुए भारत को अपनी जन-केंद्रित विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।

🔸श्रीलंका के साथ ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति का संपोषण भारत के लिये हिंद महासागर क्षेत्र में अपने रणनीतिक हितों को संरक्षित करने के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण है।

 

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